AAP के पूर्व पार्षद हुसैन के खिलाफ कोर्ट ने तय किए आरोप, कोर्ट ने कहा- भीड़ साफतौर पर हिंदुओं को नुकसान पहुंचाना चाहती थी

Update: 2022-12-06 09:11 GMT

अदालत ने कहा कि दिल्ली दंगों के दौरान भीड़ का हर सदस्य पूर्व पार्षद एवं मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन के घर पर इकट्ठा हुआ। हुसैन के घर को आधार के रूप में इस्तेमाल किया गया। भीड़ के सदस्यों के आचरण से यह लगता है कि वे हर तरीके से हिंदुओं को नुकसान पहुंचाने के लिए स्पष्ट रूप से काम कर रहे थे। अदालत ने यह टिप्पणियां ताहिर सहित 11 के खिलाफ अभियोग तय करते हुए की है।

कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने शनिवार को अपने फैसले में हुसैन, रियासत अली, गुलफाम, शाह आलम, राशिद सैफी, अरशद कय्यूम, लियाकत अली, मोहम्मद शादाब, मोहम्मद आबिद और इरशाद अहमद पर धारा 147 (दंगा), 148 (सशस्त्र हथियार के साथ दंगा) के तहत आरोप लगाया), 153ए (दुश्मनी को बढ़ावा देना), 188 (सार्वजनिक आदेश की अवज्ञा), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 395 (डकैती) सहित विभिन्न धाराओं में अभियोग तय किए थे। अदालत ने 2020 के दिल्ली दंगों के संबंध में अपने विस्तृत निर्णय में कहा कि साक्ष्य से पता चलता है कि भीड़ ने भारत वाटिका (अपराध स्थल) जाने वाली सीढि़यों पर गेट तोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने खाद्य सामग्री को आग लगा दी।

मामले की सुनवाई के दौरान एएसजे पुलतस्य प्रमाचला ने कहा कि आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के घर पर जमा हुई भीड़ का उद्देश्य हिंदू समुदाय के सदस्यों को नुकसान पहुंचाना था। अदालत ने कहा कि तथ्य और सबूत बताते हैं कि ताहिर हुसैन के घर पर बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे, उनमें से कुछ फायरिंग हथियारों से लैस थे।गवाहों के बयानों से सभी नामजद आरोपियों की भीड़ में मौजूदगी साफ झलकती है। यह भी स्पष्ट है कि यह भीड़ आरोपी ताहिर हुसैन के घर में सोच-समझकर इकट्ठी हुई थी। हुसैन के वकील ने तर्क दिया कि पुलिस ने जो आरोप लगाया था, उसके विपरीत पूछताछ के दौरान उसने पुलिस नियंत्रण कक्ष को कई कॉल करने की कोशिश की।

Tags:    

Similar News