भारत में कोविड वैक्सीनेशन ने बचाई 34 लाख जिंदगियां, स्वास्थ्य मंत्री बोले भारत दुनिया की फार्मेसी

Update: 2023-02-26 09:50 GMT

भारत ने कोविड़ महामारी में समय रहते अपने नागरिकों का वैक्सीनेशन करा कर देश भर में 34 लाख से ज्यादा जानें बचाई हैं। ये दावा स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट में किया गया है जिसने भारत में कोविड वैक्सीनेशन पर रिसर्च की। रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक भारत के वैक्सीनेशन ने देश में कुल 18.3 बिलियन डॉलर के नुकसान को भी रोका है।

देश के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने स्टैनफोर्ड युनिवर्सिटी की रिपोर्ट ('हीलिंग द इकोनॉमी: एस्टिमेटिंग द इकोनॉमिक इम्पैक्ट ऑन इंडियाज वैक्सीनेशन एंड रिलेटेड इश्यूज') को जारी किया।

स्टैनफोर्ड की रिपोर्ट ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि अगर एक व्यक्ति की न्यूनतम आय का प्रतिशत निकाला जाए तो वो लगभग $ 1.03 बिलियन से $ 2.58 बिलियन तक भिन्न होता है। ऐसे में अगर कुल आबादी के टीकाकरण और उससे प्रति व्यक्ति आय का औसत निकाला जाए तो भारत सरकार ने देश की जीडीपी में 21.5 बिलियन रुपये बचाए हैं।

रिपोर्ट में ये बताया गया है कि भारत सरकार के टीकाकरण से बुजुर्गों ने अपने जीवन को भी बचाया है, इससे उसने अप्रत्यक्ष रुप से स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को रोकने में मदद की. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि जनवरी 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किए जाने से बहुत पहले, महामारी प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर डेडीकेटेड टीम का निर्माण कर लिया था।

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत दुनिया की फार्मेसी है, और वह वसुधैव कुटुंबकम के विचार को मानता है। उन्होने दुनियाभर में स्वास्थ्य और फार्मा जैसे क्षेत्रों में सुधार की जरुरत की बात करते हुए कहा कि भारत को सही मायने में दुनिया की फार्मेसी कहा जाता है, 50 प्रतिशत निर्यात और दुनिया भर में हर पांच जेनेरिक गोलियों में से एक भारत में उत्पादित होने के साथ, हम दुनिया भर के कई देशों में लोगों के लिए दवाओं को सस्ती बनाने में बड़े पैमाने पर योगदान करते हैं।

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