बॉम्बे हाईकोर्ट ने उद्धव सरकार को लगाई फटकार कहा ट्वीट में किसी का नाम नहीं, तो छात्र को अरेस्ट क्यों किया?

बॉम्बे हाईकोर्ट ने उद्धव सरकार को लगाई फटकार कहा ट्वीट में किसी का नाम नहीं, तो छात्र को अरेस्ट क्यों किया?

Update: 2022-06-14 11:35 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट ने उद्धव सरकार को 22 साल के छात्र निखिल भामरे के मामले को लेकर फटकार लगाई है। 22 साल के छात्र ने जिस पोस्ट को लेकर इतना भोगा उसमें शरद पवार का नाम ही नहीं है। बता दे की 22 साल के छात्र निखिल भामरे की शरद पवार पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर 11 मई को गिरफ्तारी की गयी थी और भामरे पर 6 FIR दर्ज़ हुए थे अब इस मामले पर हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुए जिसके बाद कोर्ट ने उद्धव सरकार को फटकार लगाते हुए कहा की पोस्ट में किसी का नाम नहीं है। और आप (राज्य) किसी को एक महीने के लिए जेल में रखते हैं। इन सबका आधार क्या है?"बॉम्बे हाई कोर्ट ने फार्मेसी के छात्र निखिल भामरे की गिरफ्तारी को कथित तौर पर खिलाफ एक ट्वीट पर फटकार लगाई है

और आगे कहा की हर दिन सैकड़ों और हजारों ट्वीट होते हैं। क्या आप हर ट्वीट पर संज्ञान लेंगे? हम इस तरह की एफआईआर नहीं चाहते.अनसुना हुआ कई मामलों पर किसी छात्र को इस तरह हिरासत में रखा जाता है,"अगर आप इस तरह की कार्रवाई शुरू करते हैं, तो आप उस व्यक्ति के नाम को नुकसान पहुंचाते हैं जिसे दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार मिला है ( पवार) यहां तक ​​​​कि महान व्यक्तित्व (पवार) को भी पसंद नहीं आएगा कि ऐसे छात्र को जेल में रखा जाए ."हम नहीं चाहते कि उच्च व्यक्तित्व की प्रतिष्ठा कम हो. न्यायमूर्ति शिंदे ने लोक अभियोजक से कहा कि गृह मंत्रालय के निर्देश और भामरे की रिहाई को मंजूरी देने में कोई आपत्ति नहीं है।

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