विधानसभा में अपने गुरु और 2 बच्चों की मौत को याद कर भावुक हुए एकनाथ शिंदे,कहा -मैं टूट चूका था तब आनंद दिघे साहब ने सिर पर हाथ रखा

विधानसभा में अपने गुरु और 2 बच्चों की मौत को याद कर भावुक हुए एकनाथ शिंदे,कहा -मैं टूट चूका था तब आनंद दिघे साहब ने सिर पर हाथ रखा

Update: 2022-07-04 12:41 GMT

फ्लोर टेस्ट में जीत में बाद विधानसभा में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सभी को किया संबोधित। संबोधन के दौरान विधानसभा में अपने गुरु और 2 बच्चों की मौत को याद कर हुए भावुक हुए एकनाथ शिंदे और कहा की "जब मैं ठाणे में शिवसेना पार्षद के रूप में काम कर रहा था, मैंने अपने 2 बच्चों को खो दिया और सोचा कि सब कुछ खत्म हो गया है. मैं टूट गया था लेकिन आनंद दीघे साहब ने आश्वस्त किया। मुझे राजनीति में बने रहने के लिए।शिंदे ने आगे कहा की पहले मुझे एमवीए सरकार में सीएम बनाया जाना था.लेकिन बाद में अजीत दादा (अजीत पवार) या किसी ने कहा कि मुझे सीएम नहीं बनाया जाना चाहिए। मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई और मैंने उद्धव जी से कहा कि आगे बढ़ो और मैं उनके साथ हूं। लेकिन जब मैंने इस मुद्दे को लेकरत अजित पवार से पूछा तो उन्होंने कहा की इस फैसले में उनकी कोई भूमिका नहीं है यह पूरी तरह से हमारी पार्टी का फैसला था। शिंदे ने कहा की मै गद्दार नहीं हूँ और उस पोस्ट पर मेरी कभी नजर नहीं पड़ी।महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने आगे कहा की मैं देवेंद्र फडणवीस जी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे (पिछली सरकार में) मंत्री के रूप में काम करने का मौका दिया और मैं समृद्धि महामार्ग परियोजना पर काम कर सका।

शिंदे ने आगे कहा की हम शिवसैनिक हैं और हमेशा बालासाहेब और आनंद दिघे के शिवसैनिक रहेंगे। मैं आप सभी को याद दिलाना चाहता हूं कि वहां कौन था जिसने बाला साहब के मतदान पर 6 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया। शिंदे ने विधानसभा में भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का जताया आभार और कहा की मोदी जी ने मुझ से कहा की तुम देश को आगे लेकर जाओ तुम्हें किसी चीज की कमी नहीं होंगी और अमित शाह जी ने कहा की आप काम करिए हम आपके पीछे चट्टान की तरह खड़े है। 

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