फारूक अब्दुल्ला का जम्मू कश्मीर पर बड़ा बयान कहा कश्मीर में शांति चाहते हैं तो फिर से बहाल करें आर्टिकल-370

Update: 2021-11-30 13:01 GMT

जम्मू कश्मीर से आर्टिकल ३७० को खत्म किए भले ही दो साल से ज्यादा का वक्त बीत गया हो लेकिन महबूबा मुफ्ती और फारुख अब्बदुल्ला जैसे नेताओ का आर्टिकल ३७० की बहाली का राग अलापना कम नही हुआ है। संसद का शीतकालीन सत्र शुरु हो गया है। आज लोकसभा में गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर को लेकर जानकारी दी कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, कुल 1678 अठत्तर प्रवासी पीएम विकास पैकेज 2015 के तहत नौकरी करने के लिए कश्मीर लौट आए हैं। 150 आवेदकों की भूमि बहाल की गई है। 

नेशनल कॉन्फ्रेंस के लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर घाटी में अगर स्थिति को सामान्य करना है तो आर्टिकल-370 को बहाल करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर साथ नहीं दिया, तो अकेले ही अपनी मांगों के लिए आगे बढ़ेंगे. इससे पहले सोमवार को भी फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसदों ने अनुच्छेद-370 वापस लेने और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देने की मांग के साथ संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया।

नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसदों के प्रदर्शन में हसनैन मसूदी और मुहम्मद अकबर लोन भी शामिल थे। उन्होंने हाल ही में श्रीनगर के हैदरपोरा और रामबाग एनकाउंटर की न्यायिक जांच कराने की भी मांग की। अब्दुल्ला ने पोस्टर पकड़ा हुआ था, जिसमें लिखा था कि कृषि कानूनों की तरह अनुच्छेद-370 को वापस लो। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला इससे पहले कहते रहे हैं कि वे संविधान के अनुच्छेद-370 के तहत जम्मू-कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जे को समाप्त किए जाने को वह कानूनी और संवैधानिक माध्यमों से चुनौती देते रहेंगे।

जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए इन पर उप-राज्यपाल का बयान सामने आया है।


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