बग्गा की गिरफ़्तारी मामले में पंजाब पुलिस ने दिल्ली पुलिस की एफआईआर और बाद की कार्यवाही को दिल्ली हाईकोर्ट में दी चुनौती

Update: 2022-05-24 06:42 GMT

हालांकि हरियाणा पुलिस के हस्तक्षेप और दिल्ली कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस बग्गा को अपनी हिरासत में लेकर शाम को दिल्ली वापस लौट आई थी।

बता दे, पंजाब पुलिस ने अपनी याचिका में जनकपुरी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। याचिका में 6 मई, 2022 को दिल्‍ली की स्‍थानीय अदालत द्वारा पारित आदेशों को भी चुनौती दी गई है, जिसके तहत बग्गा को पेश करने के लिए तलाशी वारंट जारी किया गया था और उसे हिरासत से रिहा कर दिया गया था। याचिका में कहा गया है कि पंजाब पुलिस ने बग्गा की गिरफ्तारी की थी, जिस पर आईपीसी की धारा 153 (ए), 505, 505 (2), 506 के तहत दर्ज एफआईआर में विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच वैमनस्य, अशांति और दुर्भावना को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया था।

वहीं पंजाब के अनुसार, बग्गा को जांच में शामिल होने के लिए पांच बार नोटिस दिए गए थे, हालांकि उन्होंने इसका उल्लंघन किया और भड़काऊ बयान जारी किया। याचिका में कहा गया है कि पंजाब पुलिस की दो टीमें बग्गा को गिरफ्तार करने के लिए छह मई को दिल्ली पहुंची थीं। एक टीम बग्गा के घर गई थी ओर उसे गिरफ्तार किया था। दूसरी टीम, जो स्थानीय पुलिस को गिरफ्तारी के बारे में सूचित करने के लिए गई थी, उसे जनक पुरी पुलिस स्टेशन में अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था। जनकपुरी थाने में पंजाब पुलिस के साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया गया था।

आपको बता दे, याचिका में दिल्‍ली पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर को झूठी और मनगढ़ंत बताते हुए आरोप लगाया गया है कि दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने धारा 452, 365, 342, 392, 395ए और 34 आईपीसी के तहत एफआईआर "पंजाब पुलिस द्वारा बग्गा के खिलाफ की गई गिरफ्तारी और जांच को विफल करने के लिए" किया है। याचिका में आगे बग्गा के पिता द्वारा 6.5.2022 के आदेश के तहत जारी करवाए गए तलाशी वारंट को रद्द किए जाने की मांग की गई है, जिसके आधार पर हरियाणा पुलिस की मदद से बग्गा की हिरासत प्राप्त की गई थी।

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