AAP के पूर्व नेता योगेंद्र यादव ने BJP के खिलाफ केजरीवाल की साजिश का किया पर्दाफाश, सिसोदिया के झूठ की भी खोली पोल

Update: 2022-08-24 10:56 GMT

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर कथित शराब घोटाले में लगे आरोपों को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी  में जंग लगातार तेज होती जा रही है। दोनो पार्टियों के बीच आरोप - प्रत्यारोप का सिलसिला लगातार जारी है। लेकिन इस बीच  AAP के पूर्व नेता योगेंद्र यादव के खुलासे ने केजरीवाल की मुश्किले बढ़ा दी है।  योगेंद्र यादव ने एक ट्वीट में कहा है कि AAP के वरिष्ठ नेतृत्व को अपने ही विधायकों को बीजेपी नेता होने का दिखावा करके उन्हें प्रैंक कॉल के जरिए फंसाने की आदत है।

दरअसल आम आदमी पार्टी बीजेपी पर लगातार  'ऑपरेशन लोटस' चलाकर सरकार गिराने की कोशिश का आरोप लगा रही है।  खुद सिसोदिया ने कहा कि उन्हें बीजेपी से ऑफर मिला है। हालाकि आम आदमी पार्टी ने इसको लेकर कोई सबूत नहीं दिया है। लेकिन अपने आरोपों को मजबूत करने के लिए पार्टी ने एक पुराने 'स्टिंग ऑपरेशन' को जरूर पेश किया। जिसके जवाब में बीजेपी ने भी एक वीडियो जारी कर दिया जिसमें अन्ना आंदोलन के साथी रहे परमजीत सिंह कात्याल यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि उन्होंने 'आप' के कहने पर ही बीजेपी नेताओं के सामने से पार्टी विधायकों को फोन किया था। 

परमजीत सिंह कात्याल का यह वीडियों वायरल होने के बाद ही योगेंद्र यादव का ये ट्वीट सामने आया है। वहीं इस वायरल वीडियो को लेकर कात्याल ने जवाब दिया है कि वह 2011 के अन्ना विरोध प्रदर्शन से 2015 तक लगातार अरविंद केजरीवाल के साथ थे। 24 में से 18 घंटे उनके साथ ही रहा हूं। मनीष रायजादा नाम के एक अन्य आप विचारक, जो पहले AAP के विदेशी विंग के प्रभारी थे और उन पर चंदा इकट्ठा करने का आरोप लगाया गया था। 2018-19 के आसपास 'चंदा चोर' (दान जालसाज) नाम की डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। डॉक्यूमेंट्री में आप के कई पूर्व विचारक शामिल हैं जिनमें स्वयं परमजीत, शाजिया इल्मी, प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव और कुमार विश्वास आदि शामिल हैं। उस इंटरव्यू की क्लिप वायरल हो रही है।

आज तक के ट्वीट का हवाला देते हुए योगेंद्र यादव ने बताया कि वह परमजीत को जानते हैं और अपने ही विधायकों को ब्लैकमेल करने के लिए आप के वरिष्ठ नेतृत्व द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली विशेष रणनीति से अवगत हैं। योगेंद्र यादव ने कहा कि यह कई कारणों में से एक था जिसके कारण उन्होंने और कई अन्य लोगों ने केजरीवाल की राजनीति में अपनी रुचि खो दी और अंततः आप से अलग हो गए।

यादव ने कहा कि उन्होंने अपने स्तर पर पूछताछ की और पाया कि परमजीत सिंह कात्याल के दावे 100% सच थे। 2013 में केजरीवाल ने बीजेपी के नाम से अपनी ही पार्टी के नेताओं को ब्लैकमेल करने के लिए फोन करने का आदेश दिया था।

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