शरद पवार के बयान पर बौखलाई कांग्रेस नेता अलका लांबा, फडणवीस ने किया पलटवार, बोले- पॉलिटिक्स को गंदा बना रहे राहुल गांधी

Update: 2023-04-09 09:48 GMT

NCP नेता शरद पवार के अडानी पर दिए बयान को लेकर राजनीति गरमा गई है. बयान को लेकर एनसीपी की लंबे समय से सहयोगी कांग्रेस की नेता अल्का लांबा ने शरद पवार पर हमला बोला था. इसे लेकर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. फडणवीस ने राहुल गांधी पर भारतीय राजनीति को दूषित करने का आरोप लगाया.

BJP ने कांग्रेस पर किया पलटवार 

बता दे, फडणवीस ने अल्का लांबा के ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा, ''राजनीति आएगी और जाएगी, लेकिन 35 साल के अपने लंबे समय से सहयोगी और भारत के सबसे वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं में से एक और महाराष्ट्र के 4 बार के सीएम पर कांग्रेस नेता का यह ट्वीट भयावह है. राहुल गांधी भारत की राजनीतिक संस्कृति को विकृत कर रहे हैं.''

अलका लांबा ने शरद पवार को बताया- डरा हुआ 'लालची' 

दरअसल गौतम अडानी पर शरद पवार की टिप्पणी के बाद कांग्रेस नेता अलका लांबा ने उन पर हमला बोला था. अलका लांबा ने ट्वीट कर लिखा, "डरे हुए, लालची लोग ही आज अपने निजी हितों के चलते तानाशाह सत्ता के गुण गा रहे हैं. देश के लोगों की लड़ाई एक अकेले राहुल गांधी लड़ रहे हैं. पूंजीपति चोरों से भी और चोरों को बचाने वाले चौकीदार से भी." इसके साथ ही अलका लांबा ने एक तस्वीर भी पोस्ट की थी, जिसमें शरद पवार और अडानी एक साथ बैठे दिखाई दे रहे हैं.

उधर, बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाल ने अलका लांबा के इस बयान की निंदा की. कहा कि इस तरह के अनर्गल बयान के चलते पहले ही उनके नेता राहुल गांधी को सदन की सदस्यता गंवानी पड़ी है. साथ ही शहजाद पूनावाला ने उनसे पूछा था कि क्या यह कांग्रेस का आधिकारिक बयान है. अलका लांबा ने शरद पवार पर एक अविश्वसनीय हमला किया है. अलका ने उन्हें लालची और कायर बताया है. एक महाराष्ट्रीयन होने के नाते मैं इस घटना से हौरान हूं. 

बता दे, गौतम अडानी मामले पर कांग्रेस और विपक्षी दल जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन एनसीपी चीफ ने इससे अलग राय रखी थी. शनिवार (8 अप्रैल) को शरद पवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ''वह अडानी ग्रुप के खिलाफ जेपीसी की मांग के पूरी तरह खिलाफ नहीं है, लेकिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की एक समिति अधिक प्रभावी होगी.'' पवार ने कहा, ''जेपीसी में 21 सदस्य होते हैं, इसमें 15 सदस्य सत्ता पक्ष की तरफ से होंगे और 6 सदस्य विपक्ष की तरफ से होंगे. ऐसे में सच्चाई का आना कहां तक संभव है.''

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