UNSC में विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन-पाक को लगाई लताड़, कहा -आतंकियों के बचाव के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों हो रहा है दुरुपयोग
भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता का ब्रिटेन, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात ने समर्थन किया है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई है। विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन को लताड़ लगाते हुए कहा कि आतंकवाद के अपराधियों को सही ठहराने और उनकी रक्षा करने के लिए बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
आतंकवाद की चुनौती पर विश्व के ज्यादातर देशों के द्वारा एक साथ आगे आकर सामूहिक प्रतिक्रिया दी जा रही है। लेकिन बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग अपराधियों को न्यायोचित ठहराने और उन्हें बचाने के लिए किया जा रहा है: न्यूयॉर्क में UNSC में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर pic.twitter.com/5zwCScdDji
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 14, 2022
संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाने पर एस जयशंकर ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि जिस देश ने अलकायदा चीफ ओसामा बिन लादेन की मेजबानी की उसके पास संयुक्त राष्ट्र पर उपदेश देने की साख नहीं बचती। देखिए किस तरह से बिलावल भुट्टो जरदारी विदेश मंत्री पाक को किस तरह से भारत के विदेश मंत्री एसजशंकर ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री भुट्टो द्वारा संयुक्त राष्ट्र में 'कश्मीर टिप्पणी' के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस देश ने अल-कायदा आतंकी ओसामा बिन लादेन की मेजबानी की और पड़ोसी देश की संसद पर हमला किया, उसके पास उपदेश देने का हक नहीं है@MEAIndia pic.twitter.com/Gl2jCwUSlA
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) December 15, 2022
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने UNSC में सुधार को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। एस जयशंकर ने सीधे तौर पर चीन का नाम नहीं लिया लेकिन उनका इशारा चीन की तरफ था। जिसने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर जैसे पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों को संयुक्त राष्ट्र टेरर लिस्ट में शामिल करने के भारत और अमेरिका की कोशिशों में कई मौकों पर अडंगा डाला है।
भारत की ओर से चीन को लगाई फटकार के बावजूद कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर चीन की तरफ से आंक मूंदने का आरोप लगाया है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट में लिखा,"विदेश मंत्री एस जयशंकर को शायद भारतीय तारीख और कूटनीति के कुछ अध्यायों पर दोबारा गौर करना चाहिए. बदकिस्मती से वे वही गलती कर रहे हैं जो रक्षा मंत्री कृष्णा मेनन ने की थी. जब खतरा चीन से है तो वह पाकिस्तान पर ध्यान क्यों लगा रहे हैं।"
बता दें कि इस साल दिसंबर के अंत में 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNCS) के निर्वाचित सदस्य के रूप में भारत का दो साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर आतंकवाद रोधी दो बैठकों की अध्यक्षता करने के लिए मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र पहुंचे हैं।
भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता का ब्रिटेन, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात ने समर्थन किया है। इन तीनों देशों ने कहा है कि वे भारत को UNSC का स्थायी सदस्य बनाने के पक्ष में हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पहले ही भारत की सदस्यता का समर्थन कर चुके हैं। अब सबकी नजरें सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन पर टिकी हैं। आशंका है कि चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता का विरोध कर सकता है। ऐसी स्थिति में सुरक्षा परिषद की सीट पर भारत की दावेदारी मुश्किल में आ सकती है। चीन सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है।