INS विक्रांत केस में किरीट सोमैया को मिली गिरफ्तारी से बड़ी राहत, संजय राउत के अरमानो पर HC ने फेरा पानी
आईएनएस विक्रांत केस में बीजेपी नेता किरीट सोमैया को बड़ी राहत मिली है। बंबई हाई कोर्ट ने किरीट सोमैया को गिरफ्तारी से राहत देते हुए अग्रिम जमानत दे दी। इससे पहले मुंबई की एक कोर्ट ने सोमवार को मामले में किरीट सोमैया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया था जिसके बाद मंगलवार को उन्होने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब इस पूरे मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई शिवसेना के सासंद संजय राउत को बड़ा झटका लगा है।
Breaking - #BombayHighCourt grants interim protection from arrest to BJP leader and former MP @KiritSomaiya in a cheating case regarding swindling of funds to save warship #INSVikrant.#KiritSomaiya https://t.co/r5xqB3bL8m
— Live Law (@LiveLawIndia) April 13, 2022
दरअसल महाविकास अघाडी सरकार के घोटालो का पर्दाफाश करने वाले बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने एक वीडियो मैसेज में यह कहा था कि वह उद्धव ठाकरे नीत राज्य सरकार के घोटालों का पर्दाफाश करना बंद नहीं करेंगे। इससे पहले शिवसेना के सांसद संजय राउत ने सोमैया और उनके बेटे नील पर विक्रांत पोत के संरक्षण के नाम पर एकत्र किए गए 57 करोड़ रुपये से अधिक राशि की हेराफेरी का आरोप लगाया है।
क्या है मामला?
साल 2014 में सेवा से बाहर हो चुके विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को तोड़े जाने से बचाने के लिए एकत्र 57 करोड़ रुपये से अधिक की राशि से जुड़े कथित वित्तीय अनियमितता के मामले में सोमैया पर मामला दर्ज कराया गया है।
सोमैया ने अपने अधिवक्ता निरंजन मुंदरगी के जरिये हाईकोर्ट में यह दावा किया था कि सोमवार को जारी किये गए सत्र अदालत के आदेश में त्रुटि है। अदालत में दायर अपनी याचिका में सोमैया ने कहा था कि शिकायत करने में विलंब किया गया और नौ साल बाद यह शिकायत की गई। उन्होंने कहा कि इस तरह का चंदा शिवसेना और कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों द्वारा भी एकत्र किया गया है। सोमैया ने कहा कि अभियान को उन्होंने निजी तौर पर नहीं चलाया था, बल्कि यह पार्टी के स्तर पर था।
बता दें कि कोर्ट की ओर से एक बेहद महत्तवपूर्ण टिप्पणी इस पूरे मामले में की गई जिसमें एफआईआर पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि आरोप मुख्य रूप से मीडिया रिपोर्टों पर आधारित हैं। प्राथमिकी में, प्रथम दृष्टया यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं है कि शिकायतकर्ता ५७ कोड़ रुपये की राशि पर कैसे पहुंचा।
Order:
— Live Law (@LiveLawIndia) April 13, 2022
The FIR indicates that allegations are mainly based on media reports. In the FIR, prima facie there is nothing on record to show how the complainant arrived at the amount of Rs. 57 crores. #KiritSomaiya #BombayHighCourt