'बिजली संसोशन बिल' के खिलाफ बोलना केजरीवाल को पड़ा भारी, लोगों ने कहा- ये बिल आने पर फ्री की रेवड़ी नहीं बांट पाएंगे केजरीवाल

Update: 2022-08-08 10:29 GMT

अरविंद केजरीवाल ने बिजली अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों को ''खतरनाक'' करार देते हुए सोमवार को केंद्र सरकार के आग्रह किया कि वह जल्दबाजी में इसे पेश न करे। उन्होंने दावा किया कि इससे केवल बिजली वितरण कंपनियों को फायदा होगा। जिसके बाद सोशल मिडिया पर अरविन्द केजरीवाल को जमकर लोगो ने ट्रोल करना शुरू कर दिया और कहा की इस बिल के आने के बाद से अरविन्द केजरीवाल फ्री की रेवड़ी नहीं बाँट पायंगे और उनकी फ्री वाली राजनीती खत्म हो जायगी . जिसकी वजह से अरविन्द केजरीवाल इस बिल का विरोध कर रहे है .

दरअसल, देश के बिजली क्षेत्र में बड़े सुधार करने की मंशा के साथ केंद्र सरकार सोमवार को बिजली संशोधन विधेयक, 2022 लोकसभा में पेश करेगी है। यह विधेयक देश के मौजूदा बिजली वितरण क्षेत्र में बड़े बदलाव ला सकती है। साथ ही पूरे बिजली सेक्टर में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी को और बढ़ाने का रास्ता खुल सकता है। पूरे देश में पहली बार बिजली ग्राहकों को एक से ज्यादा बिजली वितरण कंपनियों को चुनने का विकल्प खोल सकता है। विधेयक के जरिए सरकार केंद्र व राज्यों के बिजली नियामक आयोग के ढांचे में भी कुछ महत्वपूर्ण बदलाव लाया जाएगा।

बता दे, केजरीवाल ने ट्वीट किया, आज लोकसभा में बिजली संशोधन बिल लाया जा रहा है। यह कानून बेहद खतरनाक है। इससे देश में बिजली की समस्या सुधरने के बजाय और गंभीर होगी। लोगों की तकलीफें बढ़ेंगी। केवल चंद कंपनियों को फायदा होगा। मेरी केंद्र से अपील है कि इसे जल्दबाजी में न लाया जाए।

लोगो ने किया केजरीवाल को ट्रोल 

रोनित नाम के एक ट्वीटर यूजर अरविन्द केजरीवाल से सवाल पूछते हुए लिखते है, "खुद मुफ्त की बांट रहे हो वो खतरनाक नही है ? अरविन्द केजरीवाल क्या इससे बिजली संकट पैदा नही होगा? मंत्रालय घाटे में नही जाएगा ??


वही किरण सिन्हा लिखती हैं, "आपने रोना शुरु किया इसका मतलब... ये संशोधन बिल.. 100%सही होगा जनता के लिए..."

साथ ही एक ट्वीटर यूजर लिखते है,"तुम्हारी फ्री की रेवड़ी बंद हो जाएगी ना और तुम जादूगर होकर अपना जादू नहीं दिखा पाओगे महाठग हो तुम नही सुधरने वाले।"

बता दे, पिछले शुक्रवार को बिजली मंत्री आर के सिंह की अध्यक्षता में देश में बिजली की स्थिति पर राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में प्रस्तावित बिजली संशोधन विधेयक के कुछ प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई है

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