लोकसभा में पेश हुआ दिल्ली में तीनों MCD को एक करने का बिल भड़के केजरीवाल कहा - जरूरत पड़ी तो कोर्ट में देंगे चुनौती

Update: 2022-03-26 11:09 GMT

 दिल्ली में तीनों नगर निगमों को एक करने का बिल लोकसभा में पेश कर दिया गया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में इस बिल को पेश किया। जबकि बिल पेश किए जाने को लेकर अब दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी भड़क गई है। सीएम केजरीवाल ने केन्द्र के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर ली है। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बयान सामने आया है जिसमें उन्होने कहा है कि एमसीडी बिल (केंद्र द्वारा) स्टाल (एमसीडी) चुनावों में लाया जा रहा है। हम इसका अध्ययन करेंगे और जरूरत पड़ने पर कोर्ट में चुनौती देंगे। वार्डों की संख्या 272 से घटाकर 250 करने का अर्थ है परिसीमन, जिसका अर्थ है कोई चुनाव नहीं। विधेयक एमसीडी को केंद्र के नियंत्रण में लाता है।

बता दें कि जो बिल केन्द्र की तरफ से पेश किया गया है उसमें दिल्ली नगर निगम में सीटों की अधिकतम सीमा 250 रखी गई है। जबकि फिलहाल तीनों निगमों को मिलाकर 272 सीटें हैं। जब तक चुनाव नहीं होते तब तक नगर निगमों पर निगरानी के लिए केंद्र सरकार एक स्पेशल अफ़सर नियुक्त करेगी। वहीं सीटों के निर्धारण के लिए परिसीमन किया जाएगा। दरअसल कुछ वक्त पहले दिल्ली एमसीडी चुनावों का ऐलान किया जाना था, लेकिन अचानक बताया गया कि केंद्र सरकार इसे लेकर बिल पेश करने जा रही है, इसीलिए चुनाव तारीखों का ऐलान टाल दिया गया। इसका सबसे ज्यादा विरोध दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी की तरफ से हुआ, पार्टी की तरफ से आरोप लगाया गया कि एमसीडी चुनाव में बीजेपी की हार हो रही है, इसीलिए चुनाव की तारीखों का ऐलान रोक दिया गया।

 हालाकि सरकार के इस फैसले को लेकर आम आदमी पार्टी भड़की हुई है। बताया जा रहा है कि बढ़ते वित्तीय संकट के कारण एकीकरण हो रहा है। इन वित्तीय बाधाओं के कारण ही एमसीडी अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन और सेवानिवृत्ति के लाभों का भुगतान नहीं दे पा रहे थे। मालूम हो कि पिछले एक दशक से तीनों एमसीडी में वेतन के भुगतान में देरी और नागरिक निकाय के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के लाभ न मिल पाने के कारण ही लगातार हड़ताल हो रही थीं।

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