मालेगांव ब्लास्ट केस में चश्मदीद का बड़ा खुलासा, जांच एजेंसियों ने सीएम योगी और RSS को फंसाने के लिए किया मजबूर

Update: 2021-12-28 11:22 GMT

मुम्बई मालेगांव ब्लास्ट केस में चश्मदीद ने बड़ा खुलासा किया है। ग्वाह ने विशेष एनआईए अदालत को बताया कि जांच एजेंसियों ने उसे 'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फंसाने के लिए मजबूर' किया था। ग्वाह ने खुलासा किया कि मामले की तत्कालीन जांच एजेंसी एटीएस द्वारा उसे प्रताडित किया गया था और सीएम योगी आदित्यनाथ और आरएसएस के चार दूसरे लोगों का गलत नाम लेने के लिए मजबूर किया।

बता दें कि मालेगांव ब्लास्ट केस 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद में ब्लास्ट हुआ था जिसमें  7 लोग मारे गए थे, जबकि 79 जख्मी हुए थे। जिसमें और उस वक्त कांग्रेस- एनसीपी सत्ता में थी।

इस मामले में ये भी खुलासा हुआ है कि जिसमें कई गवाह मुकर गए और अपने बयान से मुकर गए। इससे पहले, कम से कम 13 गवाह मुकर गए हैं और उन दावों का खंडन किया है जो उन्होंने पहले जांच एजेंसियों के सामने किए थे। 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के गवाहों से विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी पूछताछ कर रही है। पिछले हफ्ते भी,एक गवाह ने अपने उस बयान को वापस ले लिया जो उसने कथित तौर पर महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते एटीएस के सामने दिया था,जो शुरू में मामले की जांच कर रहा था।

फिलहाल बीजेपी नेता राम कदम ने इस खुलासे के बाद कांग्रेस- एनसीपी पर सवाल उठाए है। राम कदम ने कहा कि ये पूरी तरह से स्पष्ट हो चुका है कि कांग्रेस एनसीपी सत्ता में आते ही हिंदुओ से नफरत हो जाती है। तो जनेऊधारी बन जाते है। मालेगांव ब्लास्ट में जो लोग पकडे गए जबरन उनसे RSS और सीएम योगी का नाम जबरन बुलवाना आखिर इसका क्या कारण है? 


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