इलाहाबाद HC का मोहम्मद जुबैर को झटका, FIR नहीं होगी रद्द, मोहम्मद जुबैर ने किया अपना फेसबुक अकाउंट डिलीट, कई हिंदू विरोधी की थी टिप्पणियां

Update: 2022-06-14 06:58 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ट्विटर पर तीन हिंदू संतों यति नरसिंहानंद सरस्वती, बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को कथित नफरत फैलाने वाला कहने पर 'आल्ट न्यूज' के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को बड़ा झटका दिया है. दरअसल जुबैर ने अपने ऊपर दर्ज एफआईआर को खारिज करने की अर्जी दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज करने से इंकार कर दिया है.

बता दे, मोहम्मद जुबैर ने अपना फेसबुक अकाउंट डिलीट कर दिया जहां उन्होंने कई हिंदू विरोधी टिप्पणियां की थीं। वही यूपी पुलिस जांच कर रही है और जुबैर जल्द ही सलाखों के पीछे हो सकते है.

वही राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना के सदस्य भगवान शरण की शिकायत पर ज़ुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295 ए और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 67 के तहत बुधवार को खैराबाद पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया.

मोहम्मद जुबैर ने 26 मई को ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर टाइम्स नाउ की एक बहस की आलोचना करते हुए ट्वीट किया था. उन्होंने कहा था, "हमें एक समुदाय और धर्म के खिलाफ बोलने के लिए धर्म संसद के आयोजक यति नरसिंहानंद सरस्वती या महंत बजरंग मुनि या आनंद स्वरूप जैसे नफरत फैलाने की जरूरत क्यों है, जब हमारे पास पहले से ही ऐसे एंकर्स मौजूद हैं जो यह काम न्यूज़ स्टूडियो से कहीं बेहतर तरीके से कर सकते हैं."

बता दे, एंकर नविका कुमार द्वारा संचालित इस बहस में भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने भी भाग लिया था. ज़ुबैर द्वारा इस टीवी डिबेट का वीडियो शेयर करने पर नूपुर शर्मा ने उन पर आरोप लगाया था कि "एक तथाकथित फैक्ट चेकर है जिसने कल रात, मेरी एक बहस के एक कंटे-छंटे और सम्पादित वीडियो को डालकर माहौल खराब करना शुरू कर दिया है. तब से मुझे मौत और बलात्कार की धमकियां मिल रही हैं. यदि मुझे या मेरे परिवार के सदस्यों को कोई नुकसान पहुंचे तो इसके लिए मोहम्मद जुबैर जिम्मेदार हैं." टाइम्स नाउ ने इस बहस का वीडियो अपने यूट्यूब चैनल से हटा लिया है.


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