बेटे को छोड़ बीजेपी के साथ आए मुलायम सिंह यादव? RSS प्रमुख मोहन भागवत के साथ पिता की तस्वीर देख सन्न रह गए अखिलेश।

बेटे को छोड़ बीजेपी के साथ आए मुलायम सिंह यादव? RSS प्रमुख मोहन भागवत के साथ पिता की तस्वीर देख सन्न रह गए अखिलेश।

Update: 2021-12-21 08:51 GMT

उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 के चलते हर दल में राजनीतिक हलचल बनी हुई है। इस बार यूपी में सत्ता में आने के लिए बड़े-बड़े नेताओं में होड़ मची हुई है, और इन सभी पार्टियों का मकसद एक ही माना जा रहा है जो कि है इस बार यूपी से बीजेपी को हराना। बात करें सपा प्रमुख अखिलेश यादव की तो अपने हर भाषण में अखिलेश बीजेपी पर आरोप मंडते नहीं थकते। वहीं दूसरी ओर अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव आरएसएस प्रमुख डॉ मोहन भागवत के साथ एक ही सोफा पर बैठे गपशप करते नजर आ रहे हैं। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक तस्वीर खूब वायरल हो रही है, इस तस्वीर में नेताजी यानि मुलायम सिंह यादव और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को साथ बैठे देखा जे रहा है। तस्वीर को देख लोग अलग-अलग प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं।

कई लोगों ने इस तस्वीर पर लिखा कि ईडी की छापेमारी से डरकर अखिलेश ने पिताजी को आगे कर दिया। और किसी ने कहा कि बीजेपी से संबध सुधार रहे हैं क्या मुलायम सिंह यादव। चलिए अब आपको इस तस्वीर की असलियत बताते हैं। यह तस्वीर उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू की पोती के शादी समारोह की है। इस दौरान कई बड़े नेता यहां मौजूद थे। इसी अवसर पर मुलायम सिंह यादव भी थे वहीं उनकी मुलाकात आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से हुई। वहीं बीजेपी ने भी इस तस्वीर को शेयर कर लिखा, तस्वीर बहुत कुछ बोलती है।

आपको बता दें मुलायम सिंह यादव की छवि आरएसएस के कट्टर विरोधी के रूप में रही है। अब क्या हुआ अचानक कि आरएसएस चीफ के साथ कभी सपा सुप्रीमो रहे मुलायम सिंह यादव की तस्वीर वायरल हो रही है।

सोशल मीडिया पर लोग उन दिनों को याद करने लगे जब राम मंदिर आंदोलन के दौरान अयोध्या में जुटे कार सेवकों पर गोलियां चलाई गईं। तब मुलायम सिंह यादव की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उसके बाद से एक तबकने उन्हें 'मुल्ला मुलायम' के खिताब से नवाज दिया। अब आरएसएस चीफ के साथ उनकी तस्वीर देखकर लोग कह रहे हैं कि वक्त कब कौन सा करवट ले ले, यह कहा नहीं जा सकता है।

इतिहास को कुरेदें तो याद आता है वो दिन। हल्की-हल्की सर्दी की शुरुआत थी और इधर राम मंदिर मुद्दा गरम था। हिंदू साधु-संतों ने अयोध्या कूच कर दिया था। उन दिनों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ अयोध्या पहुंचने लगी थी। प्रशासन ने अयोध्या में कर्फ्यू लगा रखा था, इसके चलते श्रद्धालुओं के प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। पुलिस ने बाबरी मस्जिद के 1.5 किलोमीटर के दायरे में बैरिकेडिंग कर रखी थी।

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