नवाब मलिक मानहानि केस में 22 नवंबर को फैसला सुनायेगी बॉम्बे HC, वानखेड़े के पिता ने दर्ज कराया था मुकदमा

Update: 2021-11-18 11:18 GMT

महाराष्ट्र में अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक  के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे पर फ़ैसला अब 22 नवंबर को आएगा। दरअसल, एनसीपी अधिकारी समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने बॉम्बे हाईकोर्ट में नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। हालाकि इससे पहले नवाब मलिक ने बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट को अतिरिक्त दस्तावेज सौंपे। उन्होंने आरोप लगाया है कि NCB के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के स्कूल प्रवेश फॉर्म और प्राथमिक स्कूल सर्टिफिकेस के अनुसार वह मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।

वही दूसरी तरफ मलिक के नकली सर्टीफिकेट बनाकर नौकरी पाने के आरोप की वानखेड़े ने सफाई दी और कोर्ट में अपना बर्थ सर्टिफिकेट पेश किया है, जिसमें उनका नाम समीर ज्ञानदेव वानखेडे दर्ज है। वानखेडे के मुताबिक, उनकी मां मुस्लिम थीं, इसलिए शुरुआती दिनों में स्कूल में उन्होंने अपने बेटे का धर्म मुस्लिम लिखवाया था, लेकिन प्राइमरी के बाद उनके पिताजी ने तहसील ऑफिस से लेकर BMC तक इसका सुधार करवाया, जिसके डॉक्यूमेंट वानखेड़े ने कोर्ट को दिए हैं। समीर के मुताबिक उस वक्त तो वो खुद नाबालिग थे, ऐसे में डॉक्यूमेंट्स में उनकी कोई भूमिका नहीं हो सकती थी।

बीते दिनों समीर के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था, जिसमें मलिक के आरोपों के लिए 1.25 करोड़ रुपए के हर्जाने की मांग की थी। इस दौरान वानखेड़े ने कोर्ट से अपील की थी कि मलिक को उनके या उनके परिवार के खिलाफ मानहानि कारक आरोप' लगाने से रोक लगाए।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवाब मलिक और समीर वानखेड़े के पिता द्वारा उनके मानहानि के मुकदमे में दायर दस्तावेजों को रिकॉर्ड में लिया है। आदेश 22 नवंबर को शाम 5.30 बजे सुनाया जाएगा। 












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