NCP नेता अजित पवार ने शिंदे सरकार के APMC चुनाव में किसानो को वोटिंग का अधिकार देने के फैसले का किया विरोध

Update: 2022-07-16 08:54 GMT

किसानो के मुद्दे पर मोदी सरकार पर आरोप मढ़ने वाली एनसीपी अब महाराष्ट्र में किसानो को APMC में वोटिंग का अधिकार दिए जाने का विरोध कर रही है। दरअसल महाराष्ट्र में नई शिंदे सरकार ने कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) के चुनाव में किसानों को वोटिंग का अधिकार देने का फैसला किया है। लेकिन एनसीपी नेता अजित पवार ने इस फैसले का विरोध किया है। 

अजित पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि "जब राज्य सरकार चर्चा और मतदान के लिए विधेयक पेश करेगी तो हम विधानसभा में इस फैसले का विरोध करेंगे।" उन्होंने तर्क दिया, "यदि किसानों को सीधे मतदान करने की अनुमति दी जाती है, तो एपीएमसी मतदाताओं की संख्या बढ़ जाएगी और लगभग एक विधानसभा चुनाव क्षेत्र के बराबर हो जाएगी।"  अजित पवार ने कहा कि बदले में एपीएमसी चुनाव लड़ने वालों के लिए बहुत मुश्किल होगा। 

अजित पवार का कहना है कि पिछला अनुभव अच्छा नहीं है। कहीं-कहीं निदेशक दूसरी पार्टी के हैं और सरपंच किसी विपक्षी दल के हैं। यह निर्वाचित सदस्यों के बीच खींचतान को बढ़ाता है और विकास कार्यों को प्रभावित करता है। 

वहीं शिंदे सरकार के इस फैसले को लेकर सहकारिता विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि  "किसानों को वोट देने की अनुमति देने के लिए प्लस पॉइंट के साथ-साथ नकारात्मक बिंदु भी हैं। जबकि किसानों की भागीदारी बढ़ेगी, एपीएमसी ऐसे चुनाव की लागत वहन करने के लिए आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं। जैसे-जैसे मतदाताओं की संख्या बढ़ेगी, वैसे-वैसे कर्मचारियों की संख्या और चुनाव सामग्री भी बढ़ेगी। एपीएमसी (सहकारिता विभाग) चुनाव खर्च वहन करने में सक्षम नहीं होंगे।

वहीं एक बीजेपी के एक नेता ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए यह साफतौर पर कहा कि सहकारिता क्षेत्र में कांग्रेस और NCP का अच्छा दबदबा है।  लेकिन वहीं बीजेपी को सहकारिता के क्षेत्र में ज्यादा सफलता नहीं मिली है। उन्होने कहा कि यह पार्टी का विश्वास है कि अगर किसानों को एपीएमसी चुनावों में वोट डालने की अनुमति दी जाती है, तो चुनाव से बीजेपी को महाराष्ट्र में सहकारी क्षेत्र पर कब्जा करने में मदद मिलेगी।

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