वेदांत-फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट को लेकर NCP ने शिंदे सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन, चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने क्या कहा जानिए ?

Update: 2022-09-15 06:35 GMT

वेदांता ग्रुप और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण की दिग्गज कंपनी फॉक्सकॉन ने संयुक्त रूप से अपनी डिस्प्ले फैब्रिकेशन और सेमीकंडक्टर यूनिट को महाराष्ट्र की जगह गुजरात में स्थापित करने की घोषणा की है। इसके साथ ही महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई है। बुधवार को एनसीपी की नेता सुप्रिया सुले के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। वहीं वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने इस कदम को लेकर सफाई दी है। 

अनिल अग्रवाल ने ट्वीट करते हुए कि हमने कुछ महीने पहले गुजरात का फैसला किया क्योंकि वे हमारी उम्मीदों पर खरे उतरे। महाराष्ट्र ने अन्य राज्यों को पछाड़ने की कोशिश की लेकिन पेशेवर और स्वतंत्र सलाह के आधार पर हमने गुजरात को भी चुना। हम गुजरात में निवेश के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही उन्होने यह भी कहा है कि वेदांता, एपल के आईफोन और टीवी उपकरणों को बनाने के लिए एक यूनिट स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। इसमें इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को बनाया जा सकता है। इस यूनिट को महाराष्ट्र में स्थापित किया जाएगा। महाराष्ट्र में भी गुजरात की तर्ज वाला प्रोजेक्ट होगा। हालांकि वेदांता के संस्थापक अग्रवाल ने इसका खुलासा नहीं किया कि यह उपक्रम किसके साथ होगा।

वेदांता  ग्रुप के चैयरमैन अनिल अग्रवाल के इन ट्वीट्स पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडण्वीस ने  रिट्वीट करते हुए विपक्षी दल के नेताओं को करार जवाब दिया है। देवेन्द्र फडण्नीस ने विपक्ष के नेताओ को सलाह देते हुए लिखा कि इन नेताओं को मेरी सलाह है कि सक्षम और कुशल बनने पर ध्यान दें न कि नकारात्मक और हताश। साथ ही उन्होने सवाल करते हए कहा कि निराशाजनक है कि राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए नकारात्मक, झूठे और निराधार दावे किए जा रहे हैं। यह केवल अपनी अक्षमता को छिपाने के लिए है।मैं विपक्षी नेताओं से पूछना चाहता हूं, जिन्होंने महाराष्ट्र से ₹3.5 लाख करोड़ की रिफाइनरी वापस भेजी?

बता दें कि गुजरात सरकार के साथ हुई इस डील के बाद से आदित्य ठाकरे और अब एनसीपी लगातार शिंदे सरकार पर आरोप लगा रही है। सुप्रिया सुले ने कहा, यह बहुत निराशाजनक है कि तीन लाख से ज्यादा छात्र नौकरियों से वंचित होने जा रहे हैं। महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आकर सरकार के खिलाफ लड़ना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पिछली सरकार के भी हिस्सा थे, तब क्या कर रहे थे, कुछ क्यों नहीं बोले? वह दो महीने से अधिक समय से मौजूदा मुख्यमंत्री हैं, अगर उन्हें नेतृत्व करना है तो उन्हें जिम्मेदारी लेने और जवाबदेह होने की जरूरत है। 

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