NIA कोर्ट ने आतंकी फंडिग केस में यासीन मलिक को दोषी करार दिया, खुद कबूला था गुनाह, 25 मई को सजा पर होगा फैसला
टेरर फंडिग केस में NIA कोर्ट ने कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दोषी करार दिया।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दोषी करार दिया है। पूरा मामला कश्मीर घाटी में आतंकी फंडिग से जुडा है। अदालत ने यासीन मलिक से उसकी वित्तीय स्थति का लेखा जोखा भी मांगा है। और साथ ही NIA से भी रिपोर्ट तलब की है। अब उसे इस मामले में कितनी सजा मिलेगी इसपर फैसला 25 मई को होगा।
#WATCH | Delhi: Separatist Yasin Malik being brought out of NIA Court after hearing in terror funding case. The court convicted him in the matter. Argument on sentence to take place on 25th May. pic.twitter.com/33ue61lDaH
— ANI (@ANI) May 19, 2022
मलिक पर आपराधिक साजिश रचने, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, अन्य गैरकानूनी गतिविधियों और कश्मीर में शांति भंग करने का आरोप था। बता दें कि यासीन मलिक ने बीते दिनों खुद कबूला था कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल था।
सुनवाई की आखिरी तारीख पर मलिक ने अदालत को बताया कि वह यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), व 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 124-ए (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता।
बता दें जिन धाराओं में यासीन मलिक के खिलाफ मामला दर्द है। यासीन मलिक को आजीवान कारावास की सजा मिल सकती है। यासीन मलिक कश्मीर की राजनीति में सक्रिय रहा है। वहां के युवाओं को भड़काने से लेकर हाथों में बंदूक लेने के लिए प्रेरित करने तक, उसने सब कुछ किया है। भारतीय वायुसेना के 4 निहत्थे अधिकारियों की हत्या जैसे आरोप तो उसने खुद स्वीकार कर रखे हैं। लेकिन अब जब कानून का शिकंजा उस पर पूरी तरह कस चुका है और बचने की उम्मीद नहीं बची है, ऐसे में उसने सभी आरोपों को ही स्वीकार कर लिया है। अब वो उन्हें कोई चुनौती नहीं देने वाला है।
जिस मामले में यासीन के खिलाफ ये कार्रवाई हो रही है, उसी केस में चार्जशीट के अंदर लश्कर के सरगना हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के नाम भी शामिल हैं। इस मामले में इन दोनों ही आरोपियों को भगोड़ा घोषित किया हुआ है। वहीं फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह जैसे अलगाववादी नेताओं के खिलाफ भी आरोप तय किए गए हैं।