विपक्षी एकता के अगुआ नीतीश कुमार ने राजगीर में नाराजगी की खबरों के बीच तोड़ी चुप्पी, कही बड़ी बात

Update: 2023-07-19 12:37 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के खिलाफ देशभर के भाजपा विरोधी दलों को एकजुट करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता की दूसरी बैठक से लौटने के बाद अपने गृह जिला नालंदा पहुंचकर चुप्पी तोड़ी। 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की पहली बैठक सफलतापूर्वक करने वाले नीतीश ने 17-18 जून को बेंगलुरु में दूसरी बैठक में शिरकत की, लेकिन वहां मीडिया से बात किए बगैर निकल आए। मंगलवार शाम साढ़े 7 बजे पटना उतरने के बाद भी वह चुपचाप आवास चले गए। अब बुधवार सुबह राजगीर पहुंचकर मलमास मेला का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने मीडिया के सामने अपनी नाराजगी समेत तमाम सवालों का जवाब दिया।

उन्होंने मीडिया से बात करने के बाद मंच से मीडिया पर भी हमलावर रहे। उन्होंने कहा- “कल तो अनेक पार्टियों की मीटिंग थी। वहां का मीटिंग करके हम चल दिए। कह ही दिया कि वह लोग हमारी सब बात तो मान लिया, इसलिए उठ कर चले आए।" जल्दी क्यों आए, इस सवाल का जवाब उन्होंने ऐसे दिया- “इसलिए कि मेरी इच्छा राजगीर की हो रही थी। राजगीर आने में देर हो रही थी, इसलिए हम बिहार आ गए हैं।" नीतीश कुमार ने कहा कि इसके अलावा और कोई बात नहीं है। पूरे तौर पर हम लोग साथ हैं।

बता दे, मीडियाकर्मियों से बातचीत में नीतीश ने कहा कि मेरी नाराजगी या इंडिया नाम को लेकर एतराज पर कोई विरोधी कुछ प्रचारित कर रहा है तो उसे तरजीह नहीं दी जानी चाहिए। संयोजक बनाए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मेरी कोई इच्छा नहीं है कि मुझे कुछ बनाया जाए। सारे लोग एकजुट हों और देश के हित में काम हो, बस मेरी इतनी ही इच्छा है।

सूत्रों के अनुसार, नीतीश ने बैठक के बीच ही कहा कि डेमोक्रेटिक शब्द बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) में भी आता है। इसकी जगह कोई दूसरा शब्द लिया जाना चाहिए। नीतीश कुमार ने सुझाव दिया कि डेमोक्रेटिक की जगह डेवलपमेंट शब्द रखा जाए। करीब आधे घंटे तक इस पर बहस हुई और आखिर में नीतीश के सुझाव को मान लिया गया।

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