2020 पालघर मॉब लिंचिंग मामला CBI को सौंपेगी महाराष्ट्र सरकार, उद्धव सरकार ने किया था इनकार

Update: 2022-10-11 08:25 GMT

महाराष्ट्र के पालघर में साल 2020 में हुए मॉब लिंचिंग मामले में राज्य सरकार मामले की जांच सीबीआई को सौंपने को तैयार हो गई है. पालघर मॉब लिंचिंग केस की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर अपने हलफनामे में महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि वह सीबीआई को मामले की जांच सौंपने को तैयार है और उसे इससे कोई आपत्ति नहीं है. बता दें कि उद्धव जब मुख्यमंत्री थे, तब इसका विरोध किया गया था.

पालघर साधु हत्या मामले में होगी CBI जांच 

दरअसल, पालघर में 2 साधु समेत तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट में है. सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर मांग की गई है कि इस केस की जांच सीबीआई से करवाई जाए. हालांकि, जब महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार थी, तब राज्य सरकार ने इस जांच का विरोध किया था. मगर अब क्योंकि भाजपा के समर्थन से एकनाथ शिंदे की सरकार है, ऐसे में राज्य सकार सीबीआई जांच पर राजी हो गई है.

उद्धव ने किया था जांच से इनकार

उद्धव के नेतृत्व वाली तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई जांच का विरोध किया था और यह दलील दी थी कि महाराष्ट्र पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की है और जिन पुलिस कर्मियों ने इस में कोताही बरती थी, उनके खिलाफ एक्शन भी लिया जा चुका है. बता दें कि यह याचिका साधुओं के परिजनों की ओर से दायर की गई है.

बता दे, केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे ने इस मामले में CBI जाँच का स्वागत किया और कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए और सच्चाई सामने आनी चाहिए.


2020 पालघर मॉब लिंचिंग 

16 अप्रैल 2022 की रात महाराष्ट्र के पालघर जिले में मौजूद गढ़चिंचली गांव में ग्रामीणों ने कार सवार तीन लोगों पर पत्थर, डंडों और कुल्हाड़ियों से हमला कर दिया था. हमले का शिकार हुए तीन लोगों में दो साधु और एक ड्राइवर शामिल था. तीनों पालघर के रास्ते सूरत में एक अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे. ग्रामीणों ने इन लोगों पर हमला बच्चा चोरी और अंग तस्करी के शक के चलते किया था. इस पर काफी बवाल भी हुआ था.

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