योगी सरकार ने यूपी के सभी अवैध दावत-ए-इस्लामी स्कूलों को बंद करने के दिए नोटिस, पीलीभीत के अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पुलिस का छापा, कंप्यूटर डेटा और स्कूल के दस्तावेज भी किए जब्त

Update: 2022-07-07 09:19 GMT

उदयपुर में हुई घटना के बाद से अब इस्लामिक संगठन दावत-ए-इस्लामी को लेकर पीलीभीत पुलिस और LIU जांच करने दावते-ए-इस्लामी के नाम से शहर में संचालित एक स्कूल पहुंची. पुलिस और LIU ने संयुक्त जांच के दौरान स्कूल के कम्प्यूटर से डाटा और कागजात अपने कब्जे में लिए.

बुधवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी अमित कुमार सिंह ने नकटाना की पिंक सिटी कालोनी में संचालित दारुल मदीना इंग्लिश स्कूल में टीम भेजी। नगर शिक्षा अधिकारी शिवशंकर मौर्या ने रिपोर्ट दी कि स्कूल बिना मान्यता संचालित हो रहा है। इसके अलावा दावत ए इस्लामी संगठन से जुड़े लोगों की तलाश में जहां पुलिस ब्यौरा जुटा रही है।

दरअसल, शहर काजी मौलाना जरताबरजा ने दावत-ए-इस्लामी पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया था. जारतब रजा ने कहा था कि दावत-ए-इस्लामी एक आतंकवादी संगठन है. यह संगठन दुकानों और सार्वजनिक स्थलों पर दान पात्र के जरिए पैसा इकट्ठा करने का काम कर रहा है. जिले में लगभग 1,400 गुल्लकों को दुकानों और सार्वजनिक जगहों पर रखा गया है. यही नहीं फंडिंग करके जिले में इस संगठन ने कई स्कूल भी खोले हैं, जो अवैध हैं. बगैर मान्यता के संचालित इन स्कूलों में इस्लामिक शिक्षा और फंडिंग की जाती है.मौलाना के आरोपों के बाद SP दिनेश कुमार पी के निर्देशन में मामले की जांच चल रही है. बीते बुधवार को पुलिस और LIU की टीम दावते-ए-इस्लामी नाम से चल रहे बिना मान्यता प्राप्त स्कूल में पहुंची. यहां पुलिस टीम ने जांच-पड़ताल की. यही नहीं स्कूल के कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई. जांच टीम ने स्कूल में लगे लैपटॉप के डाटा और स्कूल से कागजात भी अपने कब्जे में लिए. वहीं शिक्षा विभाग ने दावते-ए-इस्लामी के स्कूल संचालक को नोटिस देकर तीन दिन के अंदर स्कूल बंद करने की चेतावनी दी.

बता दे,उदयपुर कांड से अचानक चर्चाओं में आए संगठन दावत-ए-इस्लामी एक कट्टरपंथी सुन्नी संगठन है. इसका गठन पाकिस्तान के कराची में मौलाना इलियास अत्तारी ने 1981 किया था. वर्तमान में इस संगठन का नेटवर्क 194 देशों में फैला हुआ है. पैगम्बर मोहम्मद साहब के संदेशों का प्रचार और प्रसार करना इस संगठन का मुख्य काम है. 

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