पंजाब पुलिस ने सहायक प्रोफेसरों, अध्यापकों व लाइब्रेरियनों पर जमकर भांजी लाठियां, विपक्ष ने भगवंत मान सरकार पर साधा निशाना
आम आदमी पार्टी शासित राज्य पंजाब जहां एक तरफ भगवंत मान सरकार वहां के सरकारी कर्मचारियों को वक्त पर उनकी सैलरी तक नहीं दे पा रही है। वहीं अब दूसरी तरफ इन टीचर्स पर जमकर लाठियां भांजी जा रही है।
Punjab police brutally lathi charged the assistant professors protesting outside Higher Education Minister Meet Hayer's residence in Barnala. #1158AsstProfessors pic.twitter.com/ssEZetWvZP
— Gagandeep Singh (@Gagan4344) September 19, 2022
दऱअसल पंजाब के बरनाला में अपनी मांगो को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे सहायक और लाइब्रेरियन फ्रंट के पुरुष और महिला अध्यापको जमकर लाठियां भांजी गई । यहां तक कि महिला अध्यापकों को सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया।
बता दें कि 1158 असिस्टेंट प्रोफेसर और लाइब्रेरियन फ्रंट के सदस्य उच्च शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर से पैनल बैठक का समय मांगने आए थे। जब मांग सिरे नहीं चढ़ी तो उन्होंने मंत्री की कोठी की तरफ कूच किया। इस दौरान 2 जगह लगाए बैरिकेड उन्होंने तोड़ दिया। इस दौरान पुलिस और प्रोफेसर्स में धक्का-मुक्की हुई। पुलिस ने फ्रंट के सदस्यों पर लाठीचार्ज किया और सबको हिरासत में ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पक्की नौकरी देने की बात करने वाले मंत्री आज मीटिंग का समय देने के लिए राजी नहीं हैं और उन पर लाठियां चलाई जा रही है।
फ्रंट के कन्वीनर डॉ. सुहेल ने बताया कि प्रदर्शन से सरकार से मांग है कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 1158 सहायक प्रोफेसरों व लाइब्रेरियन की भर्ती का इश्तिहार रद्द किए जाने पर लिखित फैसला आने के बाद बनी स्थिति के बारे में मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री के साथ पैनल मीटिंग करवाई जाए। सरकार की ओर से बाकायदा प्रेस में एलान कर पूरी तैयारी से भर्ती रद्द करने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में डबल बैंच में केस लड़ा जाए। इस भर्ती प्रक्रिया के तहत कॉलेजों में नियुक्त हो चुके सहायक प्रोफेसरों के रोजगार की सुरक्षा की गारंटी दी जाए। जिन उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र प्राप्त हुए हैं व जिनकी सिलेक्शन लिस्ट नहीं आई, उनके रोजगार का स्थायी प्रबंध करने के लिए हाईकोर्ट में गंभीरता से पैरवी की जाए और भर्ती को सिरे लगाया जाए।
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਅਧਿਆਪਕਾਂ ਨੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੱਕ ਦੇਣ ਦੀ ਥਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ 'ਤੇ ਲਾਠੀਚਾਰਜ ਕਰਨਾ ਆਪ ਪਾਰਟੀ ਦੀ ਤੰਗਦਿਲੀ ਤੇ ਤਸ਼ੱਦਦ ਦਾ ਪ੍ਰਗਟਾਵਾ ਕਰਦਾ ਹੈ।
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) September 20, 2022
@Aappunjab ਤੇ @BhagwantMaan ਤੁਸੀਂ ਬਦਲਾਅ ਦੇ ਨਾਮ 'ਤੇ ਵੋਟਾਂ ਤਾਂ ਲੈ ਲਈਆਂ ਤੇ ਹੁਣ ਸੂਬੇ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਦੇ ਰਹੇ?
pic.twitter.com/C5DWXBKmIn