राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन को बताया ट्रेनिंग, कहा- 'अगर अभी भी वोट सही जगह न पड़ा तो हमारी ट्रेनिंग कच्ची'

Update: 2022-01-24 11:17 GMT

यूपी का पल-पल बदलता सियासी माहौल एक तरफ विपक्षी पार्टियों की टेंशन बढ़ा रहा है तो दूसरी तरफ आंदोलनजीवि राकेश टिकैत भी परेशानी में नजर आ रहे है। १३ महीने तक दिल्ली के अलग - अलग बॉर्डर पर बैठाकर राकेश टिकैत ने किसान को केन्द्र सरकार बीजेपी के खिलाफ भड़काने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। ताकि यूपी विधानसभा चुनावो में बीजेपी को हराया जा सके लेकिन उसका कोई असर फिलहाल यूपी विधानसभा चुनाव खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में देखने को नही मिल रहा है। 

यूपी विधानसभा चुनावों से पहले राकेश टिकैत ने दिल्ली की सीमाओं पर 13 महीने चले किसान आंदोलन को एक ट्रेनिंग बताया है। उन्होंने कहा कि अगर इसके बाद भी उन्हें ही बताना पड़े कि किसे वोट देना है या किसे नहीं, तो ट्रेनिंग का क्या फायदा। उन्होंने कहा कि अभी राज्य में हिंदू मुस्लिम और जिन्ना का भूत ढाई महीने और रहेगा। इसलिए वे लोग हिंदू-मुस्लिम वाली बातों में न आएँ।

राकेश टिकैत ने आगामी चुनाव पर बात करते हुए बयान दिया, "अब भी अगर जनता को बताने की जरूरत पड़ी तो 13 महीने तक दिल्ली में आंदोलन चला। इनकी सबकी ट्रेनिंग हो कर आ गई। उसके बाद भी अगर अब भी इनको ये बताना पड़ा कि वोट कहाँ देनी है तो इसका मतलब हमारी ट्रेनिंग कच्ची है फिर। उन्हें सब पता है कि क्या करना है।" 

आजतक को दिए गए इंटरव्यू में टिकैत ने कहा, "देश में फिलहाल हिंदू मुस्लिम और जिन्ना ढाई महीने के प्रवास पर यूपी के सरकारी मेहमान हैं। 15 मार्च तक यहाँ पर रहेंगे। सरकार स्टेज से प्रवचन देगी, इनके प्रवचन में हमें नहीं आना। हमें क्या पता किसकी सरकार बनेगी। लेकिन जनता इनको वोट नहीं देगी।"


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