अल्लाह-हू-अकबर बोलने पर किसानों ने राकेश टिकैत को घेरा, फोन पर सुनाई खरी-खरी।

अल्लाह-हू-अकबर बोलने पर किसानों ने राकेश टिकैत को घेरा, फोन पर सुनाई खरी-खरी।

Update: 2021-09-07 09:54 GMT

मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत में राकेश टिकैत के झूठे किसान एजेंडे की पोल खुलती नजर आई। इस दौरान राकेश टिकैत ने अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाकर जाट और मुस्लिम एकता को बढ़ावा देना चाहा लेकिन राकेश टिकैत के इस नारे से जाट समुदाय आक्रोश में आ गया। अल्लाह-हू-अकबर के नारे से वहां मौजूद किसान नाराज हो गए, जिसके बाद एक किसान ने राकेश टिकैत को फोन किया और उनसे ये पूछा कि किसान मंच से उन्होंने किसानों की बात न कहकर एक धर्म के नारे क्यों लगाए।

जिस किसान महापंचायत का गठन किसानों की बात को सरकार के सामने रखने के लिए किया गया था उसी महापंचायत के मंच से अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाकर राकेश टिकैत किसको खुश करने की कोशिश कर रहे थे। इस मु्द्दे को लेकर अब राकेश टिकैत जाट समुदाय के सवालों के घेरे में आ गए हैं। उनके समर्थकों का उनपर से विश्वास डगमगा रहा है। किसान उन्हें फोन करके इसका जवाब मांग रहे हैं कि किसान मंच का इस्तेमाल राकेश टिकैत ने अपना राजनीतिक एजेंडा सेट करने के लिए क्यों किया।

आंदोलन के शुरुआत से ही राकेश टिकैत कई खोखले वादे वहां बैठे किसानों से करते आए हैं। वहीं आंदोलन में मौजूद हर कोई उनका आंख पर पट्टी बांध कर विश्वास कर रहा था। लेकिन महापंचायत में एक धर्म को नारे लगाने से किसानों की समस्या कैसे हल हो सकती है। जिस किसान ने राकेश टिकैत को फोन किया उसका ये ऑडियो काफी वायरल हो रहा है। इस फोन कॉल में किसान ने साफ-साफ राकेश टिकैत से पूछा की आप जय श्री कृष्ण या हर हर महादेव भी बोल सकते थे लेकिन आपने सिर्फ अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाए। इससे ये साफ पता लग रहा है कि आप मुस्लिम और जाट समुदाय के लोगों का अपना वोट बैंक बचाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

लगभग 9 महीने से चल रहे इस किसान आंदोलन में हमेशा राजनीतिक और धार्मिक मुद्दे राकेश टिकैत उठाते हैं लेकिन कभी भी उन्होंने खुल कर कृषि बिल पर बात नहीं की। सरकार ने कई बार संशोधन के लिए बात करनी चाही लेकिन फिर भी राकेश टिकैत और उनकी गैंग हमेशा बिल रद्द करने की बात पर अढ़ी रही। अब राकेश टिकैत खुलकर एक धर्म का प्रचार किसान मंच से कर रहे हैं। इससे ये साफ है कि आने वाले यूपी चुनाव में राकेश टिकैत सपा और कांग्रेस के लिए वोट बटौरने का काम कर रहे हैं।  

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