राकेश टिकैत की जिद्द ने डाली किसान संगठनों मे फूट, इस दिन आंदोलन खत्म कर घर जाएंगे प्रदर्शकारी।

राकेश टिकैत की जिद्द ने डाली किसान संगठनों मे फूट, इस दिन आंदोलन खत्म कर घर जाएंगे प्रदर्शकारी।

Update: 2021-11-30 11:28 GMT

संसद में तीनों कृषि क़ानून वापस होने के बाद से ही यह बड़ा सवाल लगातार उठ रहा है कि कृषि क़ानूनों के निरस्त होने के बाद दिल्ली की सीमाओं को घेर कर बैठे राकेश टिकैत और उनके लोग आंदोलन ख़त्म करेंगे या इसे जारी रखेंगे। वहीं अब इसी बात को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की एक अहम बैठक 1 दिसंबर को होगी। इसी बीच एक बड़ी ख़बर ये भी है कि संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े संगठनों में आपस में फ़ूट की ख़बरें सामने आ रही है।


सूत्रों के मुताबिक़ पंजाब से जुड़े संगठन नरम हैं तो राकेश टिकैत आंदोलन जारी रखने पर अड़े हुए हैं। ऐसे में 1 दिसंबर की बैठक में आंदोलन ख़त्म करने या फिर जारी रखने पर फ़ैसला होगा। वहीं सोमवार को जैसे ही संसद के दोनों सदनों से तीनों केंद्रीय क़ानूनों के निरस्त होने की जानकारी सामने आई तो सिंघु बार्डर पर जमा किसानों के चेहरों पर मुस्कान आ गई। इसके तुरंत बाद ही 1 साल से जमा किसान प्रदर्शनकारियों ने यहाँ से घर वापसी शुरु कर दी है।

टेंटों में रह रहे पंजाब और दूसरी जगहों के किसानों ने अपना सामान पैक करना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है  कि संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद अनुमति मिलते ही किसान घर वापसी शुरू कर देंगे। दिल्ली-हरियाणा सिंघु बार्डर पर मौजूद किसानों का कहना है कि अब सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए और केंद्र सरकार द्वारा अन्य मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया है। ऐसे में धरना प्रदर्शन खत्म कर आंदोलन वापस लिया जाना चाहिए। दरअसल,  पंजाब की 32 जत्थेबंदियां भी आंदोलन को खत्म कर घर जाने के पक्ष में हैं। सोमवार को इन्होंने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त होने को अपनी जीत बताकर जश्न मनाया था। 

बताया जा रहा है कि पिछले एक पखवाड़े से शादी का सीजन शुरू हुआ है। किसान शादी समारोह में शामिल होने के साथ ही अपनी बेटियों की शादी भी करना चाहते हैं। ऐसे में वे मकसद पूरा होने के साथ घर जाना चाह रहे हैं। यही वजह है कि कई किसानों ने अपना सामान पैक कर ट्रकों में रखना भी शुरू कर दिया है।

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