देशद्रोही संगठन वाले बयान पर RSS ने राहुल गाँधी को दिया करारा जवाब, कहा- 'आजादी के अमृत महोत्सव' पर न करें राजनीति

Update: 2022-08-04 09:27 GMT

देश आजादी के 75 वर्ष मना रहा है और इसको लेकर हर तरफ जश्न का माहौल है . साथ ही पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की है की सभी लोग अपनी डीपी में तिरंगा लगाये, लेकिन विपक्षियों ने इस पर भी राजनीती करना शुरू कर दिया है और कांग्रेस पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू के साथ अपने सोशल मिडिया की प्रोफाइल पिक्चर चेंज की है . साथ ही राहुल गाँधी ने सीधे तौर पर बिना नाम लिए RRS को देशद्रोही संगठन बता दिया तो वही RRS ने भी राहुल गाँधी के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा की देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है इस पर राजनीती न करे .

बता दे, राहुल गांधी के ट्वीट पर आरएसएस के सुनील आंबेकर ने करारा जवाब दिया है उन्होंने कहा, "आजादी का अमृत महोत्सव पूरे देश के लिए है। आरएसएस ने केंद्र, राज्य सरकारों, या किसी अन्य संगठन द्वारा ऐसे सभी कार्यक्रमों के लिए समर्थन और भागीदारी की घोषणा की। आजादी का अमृत महोत्सव पर राजनीति नहीं होनी चाहिए बल्कि जश्न पर ध्यान देना चाहिए"

दरअसल राहुल गाँधी ने ट्वीट करते हुए लिखा था की कर्नाटक खादी ग्रामोद्योग के सभी साथियों से मिलकर बहुत खुशी हुई। इतिहास गवाह है, 'हर घर तिरंगा' मुहीम चलाने वाले, उस देशद्रोही संगठन से निकले हैं, जिन्होंने 52 सालों तक तिरंगा नहीं फहराया। आज़ादी की लड़ाई से, ये कांग्रेस पार्टी को तब भी नहीं रोक पाए और आज भी नहीं रोक पाएंगे।"

साथ ही लोगो ने सोशल मिडिया पर जमकर राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी को ट्रोल करना शुरू कर दिया और तमाम लोगो ने इस पर अपने रिएक्शंस भी दिए है . वही AK सिन्हा ने ट्वीट कर कहा, "झूठ बोलते हुए थोड़ी सी भी शर्म नहीं आती? जनता को गुमराह करने की नीयत से हमेशा भ्रामक बयान देते हो. ये निहायत ही निंदनीय और शर्मनाक है. भारतीय संविधान में कहा गया था कि आम जनता अपने घर, अपने ऑफिस, अपने संगठन के कार्यालय या संगठन के मुख्यालय आदि पर तिरंगा झंडा नहीं फहरा सकती है."

एक ट्वीटर यूजर लिखते है, "PM ने "हर घर तिंरगा" आभियान चलाया है, "हर घर नेहरू" नहीं।"

वही एक यूजर ने वर्तमान पीएम की एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "वर्ष 1992 में 26 जनवरी को जब नरेंद्र मोदी जी ने लाल चौक पर तिरंगा फहराया था . राहुल गांधी आपने उस समय हाफपैंट पहनना शुरू किया था। इसलिए अपना फनी स्टेटमेंट अपने पास रखें।"

बता दे, श्रीनगर के लालचौक पर 29 साल यानि 26 जनवरी 1992 को पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तिरंगा फहराया था। मोदी उस वक्त जोशी की उस टीम के सदस्य थे जो घनघोर आतंकवाद के उस दौर में श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने पहुंची थी। इसके लिए दिसंबर 1991 में कन्याकुमारी से 'एकता यात्रा' की शुरुआत की गई थी, जो कई राज्यों से होते हुए कश्मीर पहुंची थी.

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