संजय राउत की न्यायिक हिरासत 21 अक्टूबर तक बढ़ी, पात्रा चॉल घोटाला मामले में ED ने किया था गिराफ्तार

Update: 2022-10-18 12:19 GMT

संजय राउत की न्यायिक हिरासत 21 अक्तूबर तक बढ़ा दी गई है। ईडी ने पात्रा चॉल मामले में राउत को गिरफ्तार किया था। इससे पहले सोमवार को राउत को विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे के समक्ष पेश किया गया था, जहां उनकी हिरासत मंगलवार तक बढ़ा दी गई थी। उनकी जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई।

ईडी ने सोमवार को विशेष अदालत को बताया था कि संजय राउत ने पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना में सक्रिय रूप से रुचि ली थी और धन शोधन मामले में उनकी संलिप्तता दिखाने के लिए ये सब रिकॉर्ड पर है। ईडी ने सोमवार को उत्तरी मुंबई के गोरेगांव में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले में राज्यसभा सांसद की जमानत याचिका पर अपनी दलीलें पूरी कीं थीं।

क्या है पात्रा चॉल घोटाला ?

पात्रा चॉल जमीन घोटाले की शुरुआत 2007 से हुई। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डिवलपमेंट अथॉरिटी यानी म्हाडा (MHADA), प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की मिली भगत से यह घोटाला होने का आरोप है। 2007 में म्हाडा ने पात्रा चॉल के रिडिवेलपमेंट का काम गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को दिया। यह कंस्ट्रक्शन गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर में होना था। म्हाडा की 47 एकड़ जमीन में कुल 672 घर बने हैं। रीडिवेलपमेंट के बाद गुरु आशीष कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर देने थे। म्हाडा के लिए फ्लैट्स बनाने के बाद बची हुई जमीन को प्राइवेट डिवलपर्स को बेचना था। 14 साल के बाद भी कंपनी ने लोगों को फ्लैट बनाकर नहीं दिए।

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