Hijab Controversy- सपा नेता रुबीना खानम का विवादित बयान। कहा- हिजाब पर हाथ डालने वालों के हाथ काट देंगे। एक्टिविस्ट विजय पटेल ने PFI लिंक निकाला।

Hijab Controversy- सपा नेता रुबीना खानम का विवादित बयान। कहा- हिजाब पर हाथ डालने वालों के हाथ काट देंगे। एक्टिविस्ट विजय पटेल ने PFI लिंक निकाला।

Update: 2022-02-11 12:20 GMT

हिजाब कॉन्ट्रोवर्सी पर समाजवादी पार्टी की नेता रुबिना खानम ने दिया विवादित बयान। रुबिना खानम का कहना है कि जो भी हिजाब पर हाथ डालेगा उसका हाथ काट दिया जाएगा। उनके इस बयान पर हिजाब विवाद पर हो रही राजनीति ओर ज्यादा गर्मा गई है। सपा नेता रुबिना ने अपने बयान में कहा कि, हिजाब पर हाथ डालने वालों का हाथ काट देंगे। भारत विविधताओं का देश है, यहां माथे का तिलक हो या पगड़ी, घूंघट हो या हिजाब। यह सब हमारी संस्कृति और परंपराओं का अटूट हिस्सा है।


आगे उन्होंने कहा- इन पर राजनीति कर विवाद खड़ा करना नीचता की पराकाष्ठा है। महिलाओं को कमजोर समझने की भूल न करो। सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो, यदि बहन-बेटियों के आत्म सम्मान पर हाथ डालेंगे तो हम झांसी की रानी और रजिया सुल्तान बनकर उनके हाथ काट डालेंगे।

इसी बीच एक्टिविस्ट विजय पटेल ने हिजाब विवाद पर एक चौकाने वाला खुलासा किया है। विजय पटेल ने अपने ट्विटर हैंडल से काफी सारे ट्वीट थ्रेट शेयर किए हैं, जिसमें उन्होंने हिजाब का समर्थन करने वाली लड़कियों का कनेक्शन सीधा सीएफआई संगठन से जुड़ा बताया है। विजय पटेल ने कहा कि हिजाब कॉन्ट्रोवर्सी एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया एक स्टंट है। उनका दावा है कि सोशल मीडिया पर हिजाब हैशटेग चला कर मुस्लिम समुदाय को भड़काने की कोशिश की जा रही है। कई मुस्लिम संगठन ट्विटर पर हिजाब नाम का प्रोपेगेंडा चला रहे है।

विजय पटेल ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में इन सभी बातों का खुलासा किया है। कर्नाटक में मुस्कान खान नाम की जो लड़की अल्लाह हू अकबर का नारा लगा रही थी, उसे भी विजय पटेल ने सीएफआई का एजेट बताया है। नारे लगाने वाली इस लकड़ी के समर्थन में असादुद्दीन ऑवेसी ने भी उसके तारिफों के पुल बांधे थे। वहीं अब ये बड़ा खुलासा सामने आ रहा है। बता दें कि CFI कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया PFI की शाखा का ही एक हिस्सा है।

PFI रेडिकल इस्लाम ग्रुप के जरिए चलाया जाने वाला एक संगठन है और CFI भी इसी का अंग है। PFI विधार्थियों के लिए एक मेंबर्शिप ड्राइव चलाते हैं। CFI विधार्थियों की एक ब्रांच है। ये संगठन मिलकर मुस्लिम विधार्थियों की कट्टर विचारधारा बनाने के लिए कई तरह के विवादित मुद्दों को सोशल मीडिया पर फैलाते हैं। विजय पटेल ने अपने इंटरव्यू में आगे बताया, ये सब नवंबर 2021 में शुरु हुआ। वहीं इस दौरान CFI ने अपना मेंबर्शिप ट्रायल चलाया था। ये ट्रायल पोलेरी से कर्नाटक में था फिर इसमें उडुप्पी भी आ गया।

विजय पटेल ने कहा कि, जिन 4 लड़कियों ने हिजाब के लिए मांग उठाई, उन्होंने पहले ट्विटर पर अपना अकाउंट बनाया। शुरुआत से ही वह लड़कियां CFI के हैशटैग में पार्टिसिपेट करती थी। उन सभी को ये ट्वीट मिल रहे थे जिन्हें वह कॉपी पेस्ट कर रही थी। जिन अकाउंट से ट्वीट किए जा रहे थे वह सभी बाबरी मस्जित के समय भी एक्टिव थे, और जब कोई आतंकवादी पकड़ा जाता है तो उसके समर्थन में भी इन्ही के द्धारा ट्विटर पर प्रोपेगेंडा चलाया जाता है।

विजय पटेल ने कहा कि, साजिश के तहत हिजाब विवाद को हवा दी गई। माहोल बनाया गया फिर उन लड़कियों को एक्टिव कर दिया गया जो कि मीडिया में हिजाब को अपना मौलिक अधिकार बता रही हैं। उन्होंने बताया कि पहले इन लोगों ने समर्थन वाली मीडिया को बुलाया और उसमें अपने तरीके से चीजे दिखाईं। उनके फेवर वाली मीडिया ने भी एंजेडे के तहत काम किया। 

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