जिनेवा में पीएचडी कर रही सफाईकर्मी की बेटी ने UNHRC में की देश की तारीफ, कहा- भारत में दलितों की स्थिति काफी बेहतर

Update: 2023-03-25 09:15 GMT

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 52वें सत्र के दौरान एक बार फिर पाकिस्तान का पर्दाफाश हो गया है. यहां सिंध में लोगों पर पाकिस्तान सरकार और उसकी सेना के अत्याचार के कई किस्से सामने आए. सिंधी अमेरिकी मानवाधिकार कार्यकर्ता फातिमा गुल ने कहा कि सिंधी आर्थिक स्थिति, शिक्षा और बुनियादी ढांंचा सहित बहुत सारी समस्याओं का सामना कर रहे हैं और सिंध पाकिस्तान का फोकस नहीं रहा है इसलिए मैं बहुत ज्यादा चिंतित हूं.

सिंधी फाउंडेशन के निदेशक मुजफ्फर तालपुर ने कहा कि अगर कोई अधिकारों की बात करे तो वह गायब हो जाता है और चिंताजनक बात यह है कि हमें कई सिंधी कार्यकर्ताओं की लाशें मिली हैं तो ये अभी बड़ा मुद्दा है. अधिकांश युवा सिंधी अब डर में जी रहे हैं. पूरा समाज दहशत में जी रहा है.


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भारत में दलितों की स्थिति काफी बेहतर

रोहिणी ने कहा कि देश में बड़ा बदलाव हुआ है और आज हमारे देश की राष्ट्रपति एक आदिवासी द्रौपदी मुर्मू और एक ओबीसी नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं. देश की आजादी के 75 साल में दलितों के हालातों में बहुत बदलावों को देखा गया है. रोहिणी ने कहा कि हाशिये के लोगों में से शीर्ष पदों पर पहुंचने वालों की संख्या भले ही बहुत ज्यादा नहीं हो, मगर हमारे देश का संविधान बहुत मजबूत है.

पीएचडी छात्रा और दलित कार्यकर्ता रोहिणी घारवि ने कहा कि एक दलित लड़की होने के नाते मुझे गर्व है कि मुझे यहां आने का मौका मिला और अपनी बात रखने का मौका मिला. मैंने बताया कि पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों की तुलना में भारत में दलितों की स्थिति काफी बेहतर है क्योंकि आरक्षण नीति हमारे भारत में है मुझे खुद भारत सरकार से 1 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति मिली है तो मैं खुद एक इसका उदाहरण हूं, एक सफाई कर्मचारी की बेटी होने के नाते हम यहां तक पहुंचे हैं यह बड़ी उपलब्धि है.

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