केजरीवाल सरकार की बढ़ी मुश्किले,बौद्ध भिक्षुओ ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र कहा - समुदायों को लड़ाने का काम कर रही AAP

Update: 2022-10-14 09:17 GMT

हिंदु देवी- देवताओ का अपमान करने वाले आम आदमी पार्टी के नेता और केजरीवाल सरकार में पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की मुश्किले कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब बौद्ध धर्म गुरुओं ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को पत्र लिखकर राजेंद्र पाल गौतम के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को जो लेटर लिखा गया है उसमें बौद्ध धर्म गुरुओं ने लिखा है कि आप विधायक राजेंद्र पाल गौतम ने समुदायों के बीच दरार और अशांति पैदा करने के इरादे से सार्वजनिक उत्तेजना का समर्थन किया है इसलिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

इन संगठनों ने कहा है कि गौतम की मौजूदगी में जिस कार्यक्रम में इस तरह का वाकया हुआ था वह न तो बौद्ध धर्म के अनुसार है न ही भगवान बुद्ध के उपदेशों के अनुरूप है।इसके अलावा संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर और संविधान के खिलाफ भी है। धर्म संस्कृति संगम के राष्ट्रीय महासचिव राजेश लांबा और सचिव डॉक्टर विशाखा सैलानी के साथ विभिन्न बौद्ध संगठनों के 19 लोगों ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। 

संगठनों ने कहा कि बौद्ध धर्म किसी भी समुदाय में नफरत नहीं फैलाता है और न ही किसी धर्म के खिलाफ है। बौद्ध धर्म न तो किसी के भगवान के खिलाफ है, बल्कि वह दूसरे धर्मों के साथ सहयोग करके चलता है। अप्प दीपो भव, खुद को जागृत करो, सर्वधम्म, सर्वधर्म समभाव सभी धर्मों का आदर करो। सदियों से यहां पर बौद्ध व हिंदू साथ रहते आए हैं।

बता दें कि दशहरा के मौके पर एक कार्यक्रम में AAP विधायक राजेंद्र पाल गौतम की मौजूदगी में लोगो को ईश्वर को ना मानने की शपथ दिलाई गई। जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा तो राजेन्द्र पाल गौतम को अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। साथ ही वो कानूनी पचड़े में भी फंस चुके है।

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