यूपी की सियासी लहर देखकर डरे राकेश टिकैत ? टिकैत ने कहा - चुनाव जीतते ही BJP निकालेगी दंगा मंत्री की पोस्ट

Update: 2022-02-21 12:19 GMT

उत्तर प्रदेश के सियासी दंगल में राजनीतिक दलो का एक -दूसरे पर वार-पलटवार का सिलसिला लगातार जारी है। आंदोलनजीवि राकेश टिकैत जिन्होने यूपी में बीजेपी को हराने के लिए ऐडी - चोटी का जोर लगाया लेकिन एक -एक चरण के मतदान के साथ अब राकेश टिकैत की परेशानी बढ़ती जा रही है। शायद यहीं वजह है कि वो लगातार बीजेपी पर हमलावर है। 

राकेश टिकैत ने संघ प्रमुख के साथ पीएम मोदी और अमित शाह पर हमला बोलते हुए कहा है कि बीजेपी की सरकारें सत्ता में लौटी तो दंगा मंत्री का नया पद बनेगा। दरअसल  भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता हरिद्वार के एक दिवसीय दौरे पर थे। जहां उन्होने कहा कि चुनाव बाद अगर बीजेपी की सरकार आई तो यहां नई पोस्ट दंगा मंत्री की निकलने जा रही है। नागपुर से इसको लेकर ऑर्डर आ गया है कि दंगा मंत्री की एक पोस्ट और निकाली जाए। टिकैत ने कहा कि वो मंत्री गृहमंत्री के नीचे तीसरी पोजीशन पर अपना काम करेगा।

राकेश टिकैत ने कहा कि दंगा मंत्री से बयानबाजी करवाई जाएगी, क्योंकि इनको सबको बयान देना पड़ते हैं तो सारे बदनाम हो जाते हैं। इस नई कवायद में कम से कम एक नेता ही बदनाम होगा। टिकैत का कहना था कि बीजेपी के सबसे बड़ी प्राथमिकता हिंदू-मुस्लिम के बीच भेदभाव पैदा कराना है। उनका कहना था कि इससे पार्टी को चुनाव में फायदा मिलता है। जब तक ऐसे नहीं होता तब तक ये लोग बेचैन रहते हैं।

राकेश टिकैत ने चुनाव में जनता को सचेत करते हुए कहा कि वो झूठे वादों में ना फंसे। हिंदू-मुस्लिम, जिन्ना, पाकिस्तान जो शब्द आते हैं, ये ढाई महीने के पैरोल पर आते हैं। लोग इनमें ज्यादा ना फंसे। रोजगार, स्वास्थ्य, जैसे मसलों पर प्रत्याशी से प्रश्न जरूर करें। टिकैत ने कहा किसान आंदोलन का फर्क चुनाव में पड़ना निश्चित है। अगर ईमानदारी से चुनाव होते हैं तो भाजपा को नुकसान होगा। किसान बीजेपी के साथ नहीं है। 

साथ ही राकेश टिकैत ने एक बार फिर से देश भर में जाने का एलान किया है। उन्होंने भारत सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। साथ ही सरकार को किसानों का विश्वास न तोड़ने की नसीहत भी दी है। राकेश टिकैत ने 21 फरवरी, 2022  को अपने कू एकाउंट पर लिखा, "भारत सरकार ने 9 दिसंबर के पत्र में जो वादे किए गए थे वो पूरे नहीं किए, हम अन्नदाता के हितों की रक्षा हेतु देश भर में जाएंगे । किसानों और मजदूरों के अथक प्रयास से ही आर्थिक मंदी-लॉकडाउन के बावजूद देश में कृषि उपज लगातार बढ़ी। सरकार देश के अन्नदाता का विश्वास को न तोड़े।"



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