जंतर-मंतर पर राकेश टिकैत के गुंडे ने महिला पत्रकार से की बदसलूकी, किसान नहीं गुंडे हैं ये।

जंतर-मंतर पर राकेश टिकैत के गुंडे ने महिला पत्रकार से की बदसलूकी, किसान नहीं गुंडे हैं ये।

Update: 2021-07-22 11:39 GMT

कई महीनों से दिल्ली के बॉर्डर्स पर बैठे किसानों ने आज 22 जुलाई को दिल्ली के जंतर-मंतर पर कूच की। दिल्ली सरकार की सहमती के साथ संयुक्त किसान मौर्चा ने 5 बसों में 200 किसानों के साथ जंतरमंतर पर डेरा डाला। आपको बता दूं कि जंतर-मंतर पर किसानों का ये आंदोलन 22 जुलाई से 9 अगस्त तक रहने की ख़बरें हैं। वहीं जब प्यारा हिंदुस्तान की टीम इस दौरान आंदोलन की कवरेज कर रही थी तो कुछ आंदोलनजिवीयों ने महिला पत्रकार के साथ बदसलूकी की जिसके बाद वहाँ मौजूद अन्य मीडिया कर्मियों ने आवाज़ उठाई और इस दौरान Newtwork180 के एक पत्रकार को काफ़ी चोट भी आई।

नीचे दी फोटो में ये वहीं गुंडा है जिसने महिला रिपोर्टर गाली दी।


क्या है पूरा मामला

दरअसल, प्यारा हिंदुस्तान की रिपोर्टर जंतर-मंतर पर रिपोर्टिंग कर रही थी। इस दौरान बीच में संयुक्त किसान मोर्चा का कार्ड गले में पहने एक व्यक्ति ने महिला रिपोर्टर को गाली देना शुरू कर दिया और गोदी मीडिया, दलाल मीडिया कहकर अपने फ़ोन से हमारा वीडियो रिकॉर्ड करने लगा। जब रिपोर्टर ने उस आदमी से पूछा कि आप गाली क्यों दे रहे हो तब उसने पिक से गाली दी और मारने के लिए आगे आया।


ये सब देख आसपास खड़े अन्य मीडिया कर्मियों ने उस आदमी का फ़ोन छीना और उससे महिला रिपोर्टर को गाली न देने को कहा। लेकिन तब भी संयुक्त किसान मोर्चा का ये गुंडा बाज नहीं आया और उसके हाथ में जो ट्राइपॉड था उससे Newtwork18 के एक पत्रकार को मारा। नेटवर्क 18 के पत्रकार ने उस आदमी को गाली देने से मना किया था जिस वजह से उस गुंडे ने पत्रकार पर वार कर दिया, वहीं पत्रकार के हाथ में गहरी चोट आ गई जिस वजह से उनके हाथ से खून बहने लगा।


सिर्फ़ यही नहीं किसान नेताओं के उस गुंडे के समर्थन में भी कई लोग सामने आ गए और वो सभी मीडिया पर ही आरोप साधने लगे। किसान आंदोलन के समर्थन में जितने भी मीडिया पोर्टल वाले वहाँ मौजूद थे वो ने महिला रिपोर्टर पर उस गुंडे को उकसाने का आरोप लगाया जबकि वहाँ खड़े हर एक व्यक्ति ने प्यारा हिंदुस्तान की रिपोर्टर के समर्थन में बयान दिया। वहाँ मौजूद पुलिस और सभी मीडिया कर्मियों ने ये माना कि पहले उस व्यक्ति ने रिपोर्टर के साथ बदसलूकी की थी जिसके बाद उसे रोकने की कोशिश की गई।


इसके बाद कुछ लिबरल पत्रकारों ने ABP न्यूज़ के पत्रकार के साथ भी बदसलूकी की। ABP के पत्रकार ने गाली देने वाले गुंडे का आईकार्ड ले लिया था ये दिखाने के लिए कि वो इन्हीं आंदोलनजिवीयों में से एक है, उसके कार्ड पर संयुक्त किसान मोर्चा लिखा था। इस वजह से वहाँ मौजूद लिबरल पत्रकारों नो अपना अलग ही एजेंडा शुरू कर दिया और किसान नेताओं के पक्ष में बात रखने लगे। साथ ही पत्रकारों से तू-तड़ाक करके बात करने लगे। 

Tags:    

Similar News