नींद न आने के कारण और निवारण

नींद न आने के कारण और निवारण

Update: 2022-04-22 11:08 GMT

अनिद्रा (नींद न आना) क्या है?

अनिद्रा एक नींद से सम्बन्धित समस्या है, जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। संक्षेप में, अनिद्रा से पीड़ित व्यक्तियों के लिए नींद आना या सोते रहना मुश्किल होता है। अनिद्रा के प्रभाव बहुत भयंकर हो सकते हैं। 

अनिद्रा आमतौर पर दिन के समय नींद, सुस्ती, और मानसिक व शारीरिक रूप से बीमार होने की सामान्य अनुभूति को बढाती है। मनोस्थिति में होने वाले बदलाव (मूड स्विंग्स), चिड़चिड़ापन और चिंता इसके सामान्य लक्षणों से जुड़े हुए हैं।

अनिद्रा के प्रकार 

अनिद्रा को उसके होने के कारण आधार पर तीन प्रकार में वर्गीकृत किया जाता है – प्राथमिक अनिद्रा, माध्यमिक अनिद्रा, अस्थायी या क्षणिक अनिद्रा

1. प्राथमिक अनिद्रा

प्राथमिक अनिद्रा में व्यक्ति को नींद की समस्याएं होती हैं, जो किसी भी अन्य स्वास्थ्य समस्या से प्रत्यक्ष रूप से नहीं जुडी होती हैं।

2. माध्यमिक अनिद्रा

माध्यमिक अनिद्रा का अर्थ है कि व्यक्ति को होने वाली नींद की समस्याएं किसी अन्य कारण की वजह से होती हैं, जैसे कि स्वास्थ्य समस्या ,

दर्द; उसके द्वारा ली जाने वाली दवाएं या उसके द्वारा शराब जैसे पदार्थ का सेवन करना।

3. क्षणिक या अस्थायी अनिद्रा

यह तब होती है, जब लक्षण तीन रातों तक रहते हैं।

अनिद्रा रोग के प्रकार - अवधि के आधार पर

अनिद्रा की अवधि भी भिन्न होती हैं। अवधि के आधार पर अनिद्रा के दो प्रकार हैं – एक्यूट अनिद्रा (अल्पकालिक), क्रोनिक अनिद्रा (दीर्घकालिक)।

1. एक्यूट अनिद्रा

यह अल्पकालिक हो सकती है। तीव्र अनिद्रा एक रात से लेकर कुछ हफ्तों तक रह सकती है।

2. क्रोनिक अनिद्रा

यह एक लंबे समय के लिए रह सकती है। जब व्यक्ति को एक महीने या उससे अधिक समय तक एक सप्ताह में कम से कम तीन रातों तक अनिद्रा होती है, तो उसे 'दीर्घकालिक अनिद्रा' कहा जाता है। 

अनिद्रा (नींद न आना) के लक्षण -

अनिद्रा के लक्षण क्या होते हैं?

चिकित्सक अनिद्रा के साथ कई अन्य संकेतों और लक्षणों को भी जोड़ देते हैं। अक्सर ये लक्षण अन्य चिकित्सकीय या मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों में उलझन पैदा कर सकते हैं।

1. अनिद्रा से ग्रसित कुछ लोग अक्सर रात में नींद न आने और पूरी रात जागने की शिकायत कर सकते हैं। समस्या तनाव से शुरू हो सकती है। जब आपकी नींद न आने की अक्षमता बिस्तर के साथ जुड़ना शुरू हो जाती है, तब ये समस्या गंभीर हो सकती है।

नींद न आने (अनिद्रा) के कारण -

अनिद्रा के कारण क्या होते हैं? 

अनिद्रा प्राथमिक समस्या हो सकती है या अन्य स्थितियों से जुडी हो सकती है। अनिद्रा आमतौर पर तनाव, जीवन की घटनाओं या आदतों का परिणाम होती है, जिससे नींद में बाधा आती है। मुख्य कारणों का इलाज करने से अनिद्रा का समाधान हो सकता है, लेकिन कभी-कभी इसमें कई साल लग जाते हैं। 

क्रोनिक अनिद्रा के सामान्य कारणों में शामिल हैं –

1. तनाव – ऑफिस, स्कूल, स्वास्थ्य, आर्थिक या परिवार से जुडी हुई समस्याएं रात में आपके मस्तिष्क को सक्रिय रख सकती हैं, जिसके कारण सोना मुश्किल हो जाता है। तनावपूर्ण जीवन की घटनाएं या मानसिक परेशानी, जैसे आपके किसी करीबी व्यक्ति की मृत्यु या बीमारी, तलाक या नौकरी छूट जाना –  के कारण अनिद्रा हो सकती है।  

2. यात्रा या काम की समय-सारणी (schedule) – आपकी सिरकेडियन रिदम (circadian rhythm) एक आंतरिक घड़ी के रूप में कार्य करता है, जो आपके सोने-जागने के चक्र, चयापचय और शरीर के तापमान का मार्गदर्शन करती है। आपके शरीर के सिरकेडियन रिदम के बिगड़ने से अनिद्रा हो सकती है। इसके कारणों में विभिन्न समय क्षेत्रों (time zones) में हवाई यात्रा करना, जल्दी या देर वाली पारी (शिफ्ट) में काम करना या पारी (शिफ्ट) का बार-बार बदलना शामिल हैं।

3. सोने की ख़राब आदतें – सोने की ख़राब आदतों में सोने का अनियमित समय, दिन में सोना, सोने से पहले उत्तेजक गतिविधियों, सोने के लिए उचित वातावरण का अभाव और अपने बिस्तर पर बैठकर खाना या टीवी देखना शामिल हैं। सोने से पहले कंप्यूटर, टीवी, वीडियो गेम, स्मार्टफ़ोन या अन्य स्क्रीन आपके नींद के चक्र में हस्तक्षेप कर सकते हैं।

4. शाम को अधिक मात्रा में भोजन करना – सोने के समय से पहले हल्का भोजन करना ठीक है, लेकिन बहुत अधिक खाने से आपको सोते समय शारीरिक रूप से असहज महसूस हो सकता है। बहुत से लोग सीने में दर्द का अनुभव करते हैं। एसिड और भोजन का बैकफ्लो पेट से भोजन नलिका (esophagus) की ओर होने लगता है, जिसके कारण आप जागते रह सकते हैं।

5.क्रोनिक अनिद्रा भी चिकित्सकीय परिस्थितियों या कुछ दवाओं के उपयोग के साथ संबंधित हो सकती है। चिकित्सकीय परिस्थितियों का इलाज करने से नींद में सुधार हो सकता है, लेकिन चिकित्सा की स्थिति में सुधार के बाद अनिद्रा जारी रह सकती है।

बहुत से लोग अनिद्रा के उपचार के लिए अपने चिकित्सक के पास नहीं जाते हैं और अपने आप इस समस्या से निपटने की कोशिश करते हैं। हालाँकि, कई मामलों में सुरक्षा और प्रभाव साबित नहीं किया गया है। 

अनिद्रा का सरल उपाय 

कुछ लोग निम्नलिखित उपचार करने की कोशिश करते हैं, जैसे –

1. मेलाटोनिन (Melatonin) – मेडिकल स्टोर पर मिलने वाला यह सप्लीमेंट अनिद्रा को दूर करने का एक तरीका है। आमतौर पर कुछ हफ्तों तक मेलाटोनिन का उपयोग सुरक्षित माना जाता है, लेकिन यह साबित करने के लिए कोई ठोस प्रमाण मौजूद नहीं है कि मेलाटोनिन अनिद्रा के लिए एक प्रभावी उपचार है। इसके दीर्घकालिक उपयोग की सुरक्षा के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।   

2. वेलेरियन (Valerian) – यह आहार सम्बन्धी पूरक नींद लाने में सहायक होता है, क्योंकि इसका एक हल्का प्रभाव होता है। हालाँकि, यह अच्छी तरह से अध्ययन नहीं किया गया है। इसका उपयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से चर्चा करें। कुछ लोग जो इसकी ज़्यादा खुराक का इस्तेमाल करते हैं या लंबे समय से उपयोग कर रहे हैं, उनके लिवर को नुकसान हो सकता है। हालाँकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह नुकसान वेलेरियन के करण होता है।

3. एक्यूपंक्चर (Acupuncture) – कुछ प्रमाण हैं कि एक्यूपंक्चर अनिद्रा से ग्रसित लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन अधिक शोध की आवश्यकता है। यदि आप अपने पारंपरिक उपचार के साथ एक्यूपंक्चर का चुनाव करते हैं, तो अपने चिकित्सक से पूछिए कि एक योग्य एक्यूपंक्चर चिकित्सक कैसे खोजें।

4. योग – कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि योग या ताई-ची (tai chi) का नियमित अभ्यास नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

5. मैडिटेशन – कई छोटे अध्ययन सुझाव देते हैं कि पारंपरिक उपचार के साथ मेडिटेशन से नींद में सुधार और तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है।

5. हर्बल और डाइटरी स्लीप एड्स के बारे में सावधानी

क्योंकि खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने निर्माताओं के लिए यह अनिवार्य नहीं किया है कि वे डाइटरी सप्लीमेंट स्लीप एड्स को बेचने से पहले उनके प्रभावशाली या सुरक्षित होने का प्रमाण दिखाएं, इसलिए किसी भी हर्बल सप्लीमेंट या अन्य ओटीसी उत्पादों को लेने से पहले अपने चिकित्सक से बात करें। कुछ उत्पाद हानिकारक हो सकते हैं और यदि आप कुछ दवाएं ले रहे हैं, तो इसका नुकसान हो सकता है।

अनिद्रा (नींद न आना) में क्या खाना चाहिए? - What to eat during Insomnia in Hindi?

अनिद्रा में  क्या खाएं?

1. चेरी का जूस – खट्टे पेय पदार्थों में मेलाटोनिन नामक हार्मोन होता है, जो नींद पर नियंत्रण रखता है।

2. दूध – दूध में ट्रीप्टोफन (tryptophan) नामक एक एमिनो एसिड होता है। रात को गरम दूध पीने से नींद जल्दी आ जाती है।                                 

3. साबुत अनाज – जौ, कुट्टू में मैग्नीशियम पाया जाता है, जो मांसपेशियों को सुचारु रूप से काम करने और लोगों को शांति का एहसास दिलाने में मदद  करता है।

4. कॉम्प्लेक्स कार्ब्स (Complex carbs) – फली और चावल, विशेष रूप से चमेली चावल (jasmine rice)  इसके उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स (glycemic index) के साथ, जिसका मतलब है कि यह धीरे-धीरे पचता है और शकरकंद नींद लाने के अद्भुत स्रोत हैं, क्योंकि इनमें पोटेशियम होता है जो मांसपेशियों को शिथिल करने में मदद करता है।                          

5. हर्बल चाय – हर्बल चाय में एक तेज़ सुगंध होती है, लेकिन यह कुछ लोगों को जल्दी सोने में मदद करती  है। यह चाय कैफीन मुक्त होती है, जो लोगों को सोने से पहले शांत करने में मदद करती है।

6. केले – केले नींद को बढ़ाते हैं, क्योंकि इसमें प्राकृतिक रूप से मांसपेशियों को शिथिल करने वाले मैग्नीशियम और पोटेशियम मौजूद होते हैं।

                                                                                                                                                                                                                   शुभी त्यागी (मनोवैज्ञानिक )

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