यूपी निकाय चुनावों में भाजपा बनाएगी इतिहास

Update: 2023-04-21 08:21 GMT

उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनावों की प्रक्रिया की शुरुवात हो चुकी है l इस बार यूपी में आप पार्टी पूरी ताकत लगा रही है , वहीं सपा भी नगर पालिका चेयर मैन व मेयर पद पर पूरे जातिगत समीकरण के हिसाब से टिकटों का बटवारा कर रही हैं I सभी पार्टियों की नजर 2024 के लोगसभा चुनाव पर है , इसलिए सभी पार्टियां नगर निकाय में ऐसा प्रत्याशी मैदान में उतार रही हैं , जिससे उन्हें लोकसभा सीट जीतने में मदद मिले I 

इस मुद्दे पर हमने गाजियाबाद मेयर सीट  के लिए भाजपा से मेयर पद के लिए टिकट चाहने वाली भाजपा की युवा व तेजतर्रार शिक्षित नेत्री डा० उदिता त्यागी  से बात की I उदिता त्यागी का दावा है कि यूपी नगर निकाय चुनाव में  भाजपा इस  बार इतिहास रच देगी और इतनी सीटें आएंगीं  जो पूर्व में कभी नहीं आई I 

उदिता त्यागी का कहना है कि मैं ये दावा इसलिए कर रही हूं क्योंकि मैं पूरी यूपी में लोगों के बीच रहती हूं I समाज सेवा , आध्यात्म , राजनिति के कारण युवाओं , महिलाओं , गणमान्य व्यक्तियों तक के विचार  जानने का अवसर मिलता रहता है I 

यूपी में एक ओर योगी का कानून व्यवस्था , अपराधिओं पर कड़ी कार्यवाही , महिला सुरक्षा , विकास , बिजली की स्थिति में ऐतिहासिक सुधार बड़ा मुद्दा है , वहीं दूसरी ओर यूपी की जनता पर मोदी जी की छवि और केन्द्र  की फ्री राशन , फ्री आवास , फ्री गैस , हाईवे , रेलवे में एतिहासिक परिवर्तन से बड़ा प्रभाव है I इसलिए उदिता का दावा है कि भाजपा इस  बार नगर निकाय में पिछले सारे रिकार्ड तोडेगी I 

टिकटों के बटवारें में पक्षपात के आरोपों व महिला कार्यकत्ताओं के विरोधी प्रदर्शन पर उदिता ने कहा कि हमें पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकरियों पर यह भरोसा होना चाहिए कि वो अपने कार्यकर्त्ताओं व पार्टी के हितों की पूरी चिंता रखते हुए ही फैसले  करते हैं I वरिष्ठ पदाधिकारियों  पर पक्षपात  के आरोप तबतक लगाना गलत हैं , जबतक की प्रत्याशी की घोषणा न हो जाए l विरोध प्रदेशन और बयान बाजी से पार्टी की छवि  खराब होती है , ऐसा नहीं करना चाहिए I कार्यकर्ताओं को अफवाहों से बचना  चाहिए I जिसका भी चयन पार्टी करे , पार्टी के हित  में उसके लिए पूरी ताकत से चुनाव जिताने के लिए काम करना चाहिए I हमें व्यक्ति नहीं पार्टी और पार्टी की विचारधारा से जुड़ना चाहिए l 

उदिता ने कहा कि चुनाव में हर किसी कार्यकर्त्ता का अधिकार है कि वो अपने टिकट की दावेदारी करे, क्योंकि हमारी पार्टी में भाई भतीजावाद  या परिवारवाद नहीं है I पार्टी ने इसलिए पहले ही यह तय किया है कि नगर निकाय चुनावों में किसी विधायक या सांसद के परिवार के सदस्य को टिकट नहीं दिया जाएगा, ऐसा उदाहरण केवल भाजपा में ही मिलता है I 

ज्ञात हो कि  गाजियाबाद सीट महिला आरक्षित  घोषणा के बाद पार्टी के पदाधिकारी अपनी पत्नियों के लिए  टिकट की दावेदारी करने लगे , जबकि उनमें से किसी की पत्नी भाजपा संगठन में न तो सक्रिय है न ही कार्यकर्त्ता l  दूसरी ओर  सुनीता दयाल ,आशा शर्मा उम्र दराज महिला हैं जिसके कारण युवाओं को जोडना उनके लिए मुस्किल है I 

गाजियाबाद सीट पर महापौर के लिए उदिता त्यागी की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है जिसके कई कारण हैं -

  1. क्योंकि वो त्यागी समाज से त्यागी समाज की हजारों वोट जिले में हैं और उदिता त्यागी का असर गाजियाबाद के अलावा  जिला गौतमबुद्ध नगर , मेरठ , मुज्जफरनगर , सहारनपुर , मुरादाबाद , आगरा में भी है I 
  2. उदिता की पहचान एक युवा चेहरे के तौर पर है 
  3. सोशल मीडिया , मीडिया में काफी लोकप्रिय चेहरा है 

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