बीजेपी की आँधी से डरे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव नहीं लडेगे 2022 विधानसभा चुनाव, जिन्ना का महिमामंडन करने पर फंसे अखिलेश

Update: 2021-11-01 10:49 GMT

उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा चुनाव के चुनावी घमासान की शुरुआत हो चुकी है। लेकिन बीजेपी की चुनावी रणनीति और सीएम योगी आदित्यनाथ के विकास कार्यो से यूपी के पूर्व सीएम सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव इतने ज्यादा डरे हुए है कि उन्होने ऐलान कर दिया है कि "मैं विधानसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा।"


बता दें कि अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव लगातार बीजेपी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साध रहे है। हर एक मुद्दे पर सोशल मीडिया या फिर मीडिया के जरिये सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे है। लेकिन जब अखिलेश यादव के पास आमने - सामने चुनाव मैदान में आकर सीएम योगी को चुनौती देने का मौका आया तो उन्होने अपने पैर पीछे खींच लिए। 

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि वह अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। बता दें कि अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद हैं और आने वाले यूपी चुनावों के लिए अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं, उन्होने कहा है कि वह अपनी पार्टी के प्रचार पर ध्यान देंगे। इसी के साथ सपा अध्यक्ष ने कहा कि 2022 के चुनावों के लिए उनकी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के बीच एक गठजोड़ को अंतिम रूप दे दिया गया है। उन्होने कहा, "रालोद के साथ हमारा गठबंधन अंतिम है। सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया जाना है।"

लेकिन वही दूसरी ओर अखिलेश यादव ने लौह पुरुष वल्लभ भाई पटेल की १४६ वीं जन्मदिन के मौके पर एक ऐसा बयान सामने आया है जो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मानसिकता पर ही सवाल खडे रहे है। दरअसल यूपी के हरदोई में एक जनसभा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मोहम्मद अली जिन्ना की तुलना महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल के साथ की। देश को आजादी दिलाई।उन्होंने कहा कि अगर उन्हें किसी भी तरह का संघर्ष करना पड़ा होगा तो वह पीछे नहीं हटे। 


 जहां एक तरफ देश मुहम्मद अली जिन्ना को विभाजन का खलनायक मानता है। और जिन्ना को आजादी का नायक कहना मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति है। और यही वजह है कि अखिलेश अब अपने इस बयान में घिर चुके है सीएम योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव के इस बयान पर करारा पलटवार करते हुए  अखिलेश के बयान को शर्मनाक बताया और कहा कि अखिलेश की मानसिकता बांटने वाली रही है। उनकी मानसिकता तालिबानी है और इस बयान के लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।


Tags:    

Similar News